लोकसभा चुनाव से पहले ही सामने आई माया-अखिलेश की दोस्ती में दरार, क्या टूट जाएगा महागठबंधन?
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां जोरो से तैयारियां करती हुई नज़र आ रही हैं। हर पार्टी का बस यही सपना है कि इस बार केंद्र में उसकी सरकार हो। अब केंद्र में किसकी सरकार होगी, ये तो चुनावी नतीजें ही बताएंगे, लेकिन इन सबके बीच यूपी से विपक्ष के लिए हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है। जी हां, यूपी में विपक्ष एकजुटता दिखा रहा था, लेकिन अब बीएसपी के कदम से तो ऐसा ही लग रहा है कि अलग ही खिचड़ी पक रही है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
2019 के आम चुनाव के लिए विपक्ष महागठबंधन की तैयारी करता हुआ नज़र आ रहा है, लेकिन देश के सबसे बड़े राज्य यानि यूपी में ही विपक्ष एकजुट नहीं हो पा रहा है, जिसकी वजह से बीजेपी को काफी फायदा मिल सकता है। दरअसल, यूपी में पिछले कुछ महीनों से बुआ और भतीजे की जोड़ी खूब चर्चे में है, लेकिन अब इस जोड़ी में शायद दरार आ चुकी है, जिसकी वजह से मायावती के दिमाग में अलग ही प्लान चल रहा है। मायावती चाहती है कि उनकी पार्टी यूपी के सभी सीटों पर चुनाव लड़े, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो विपक्ष की एकता चुनाव से पहले ही दम तोड़ सकती है।
क्या है मायावती का प्लान?
बीएसपी का मानना है कि यह बिल्कुल सही समय है, जब मायावती को प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है, जिसकी वजह से बीएसपी यूपी की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के मूड में है। बीएसपी का मानना है कि अगर यूपी की सभी सीटों पर हमारे उम्मीदवार उतरते हैं, तो हमारी पार्टी यूपी में सबसे अधिक सीटें जीत सकती है। ऐसे में मायावती सभी बूथ को यह आदेश देश चुकी हैं कि वो अपने अपने क्षेत्र में बीएसपी को और मज़बूत बनाएं।
तो क्या अब टूट जाएगी बुआ भतीजे की जोड़ी?
गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में बीजेपी को करारी मात देने के बाद सूबे में अखिलेश और मायावती की जोड़ी की खूब चर्चा हो रही है। विपक्ष इसे मोदी का विकल्प मानने लगा था, लेकिन हाल ही में जिस तरह से बीएसपी के तेवर नज़र आ रहे हैं, उससे तो यही सवाल खड़ा होता है कि क्या लोकसभा चुनाव से पहले ही अखिलेश और मायावती की दोस्ती में दरार आ जाएगी?
जहां एक तरफ अखिलेश मायावती के साथ गठबंधन को लेकर काफी उत्साहित दिखाई देते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ मायावती ने अभी तक गठबंधन को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं, ऐसे में 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए क्या विपक्ष एकजुट हो पाएगा या नहीं, ये तो खैर वक्त ही बताएगा।