आचार्य चाणक्य अनुसार कामचोर व्यक्तियों में होती हैं यह 7 आदतें
आचार्य चाणक्य जी एक बहुत ही महान विद्वान पुरुष रहे हैं इन्होंने अपनी नीतियों में ऐसी बहुत सी बातें बताई हैं जो आज के समय में बिल्कुल सत्य होती हुई नजर आ रही है चाणक्य जी ने अपनी नीतियों के माध्यम से एक साधारण से बालक को मगध का राजा बना दिया था जिस बालक को इन्होंने मगध का राजा बनाया था उसका नाम चंद्रगुप्त था जो आगे चलकर चंद्रगुप्त मौर्या के नाम से विख्यात हुआ था चाणक्य नीति नामक इन्होंने किताब लिखी है जिसके अंदर ऐसी बहुत सी बातें बताई गई है जो हमारे जीवन को एक नया मोड़ देती है इनमें बताई गई बातें हमें जीवन जीने का सही मार्ग दर्शन कराती है हमको अपने जीवन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? इन सभी बातों का अच्छा वर्णन चाणक्य नीति में मिलता है।
आचार्य चाणक्य जी ने अपनी नीतियों में कामचोर व्यक्तियों की कुछ आदतों के बारे में बताया है अगर यह आदतें किसी व्यक्ति में नजर आती है तो वह सबसे बड़ा कामचोर माना जाता है आज हम आपको इसी विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी देने वाले हैं।
आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई कामचोर व्यक्तियों की आदतें
- आचार्य चाणक्य अनुसार जो व्यक्ति ज्यादातर अकेले समय व्यतीत करना पसंद करते हैं जिससे उनको गलत कार्य और गंदी हरकतें करने का अवसर मिल जाए ऐसी आदतें कामचोर व्यक्तियों की निशानी होती है।
- आचार्य चाणक्य जी का कहना है कि अगर किसी कामचोर व्यक्ति के ऊपर काम का बोझ डाल दिया जाता है तो वह उससे तुरंत घबराने लगता है।
- जो व्यक्ति कामचोर होता है वह हर तरह के कार्य करने का विचार अपने मन में बनाता रहता है परंतु वह अपने जीवन में कोई भी कार्य नहीं करता है।
- कामचोर व्यक्ति कभी भी किसी खेलकूद में अपनी रुचि नहीं दिखाता है और ना ही वह अपने शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कभी व्यायाम या योगा नहीं करता है।
- आचार्य चाणक्य जी का कहना है कि अगर व्यक्ति कामचोरी करें तो वह एक हद तक ठीक है परंतु जो व्यक्ति निकम्मा होता है वह हमेशा हर किसी को बर्बाद ही कर देता है क्योंकि कामचोर व्यक्ति तो सिर्फ काम करने से पीछे हटते हैं वह काम नहीं करना चाहते हैं परंतु जो व्यक्ति निकम्मा होता है वह किसी भी कार्य को करना नहीं चाहता है।
- आचार्य चाणक्य जी का कहना है अगर कोई व्यक्ति कामचोर है तो उसको कोई भी कार्य बताया जाए तो वह उस कार्य को करने के लिए ना ही “हाँ” में जवाब देता है और ना ही “ना” में जवाब देता है बस वह बातों को सुनकर चुप बैठा रहता है।
- कामचोर व्यक्ति हमेशा यही देखता रहता है कि उसको कोई किसी प्रकार का कार्य ना करना पड़े जिससे बचने के लिए वह लोगों से नजर चुराता रहता है।
अगर देखा जाए तो हर मनुष्य के अंदर कोई ना कोई लक्षण अवश्य होता है सभी लोगों में सभी तरह के लक्षण मौजूद होते हैं बस उसे समझने की कोशिश करनी चाहिए इसलिए आपको कोशिश करनी चाहिए कि आपके अंदर ऐसे कोई भी लक्षण ना आएं।