क्या आप जानते हैं 25 करोड़ साल पहले इस वजह से धरती पर हुआ था सामूहिक विनाश
नई दिल्ली: कहते हैं कि जब भी प्रकृति पर ज़्यादा बोझ होता है तो वह अपना बोझ कम करने के लिए विनाश करती है। हिंदू धार्मिक पुस्तकों में भी इस बात का ज़िक्र मिलता है। धरती पर जब ज़्यादा पाप बढ़ गया था तो प्रलय आया था और सबकुछ ख़त्म हो गया था। एक ऐसा ही महाविनाश धरती पर आज से लगभग 25 करोड़ साल पहले भी हुआ था। इसे अब तक का सबसे बड़ा सामूहिक विनाश कहा जाता है। इस सामूहिक विनाश की वजह से पूरी धरती से जीवन का नामों-निशान मिट गया था।
पिछले कई सालों से वैज्ञानिक पृथ्वी के इस सामूहिक विनाश की गुत्थी सुलझाने में जुटे हुए हैं। हाल ही में फ़्रांस के सेंटर फ़ॉर पेट्रोग्राफ़िक एंड जियोकेमिकल रिसर्च के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने धरती के सामूहिक विनाश के असली कारण का पता लगा लिया है। उनके अनुसार साइबेरिया में भीषण ज्वालामुखी फटने की वजह से पृथ्वी की ओज़ोन परत नष्ट हो गयी थी। इस वजह से सूरज की पराबैंगनी किरने सीधे धरती पर आने लगीं और धरती से जीवन ख़त्म हो गया। यह रिपोर्ट नेचर जियोसाइंस नमक जर्नल में प्रकाशित हुई है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें यह पृथ्वी का पहला भयानक विनाश नहीं था। यह पृथ्वी के विनाश का तीसरा सबसे बसिशन युग था। 25.1करोड़ साल पहले शुरू हुए इस युग में धरती से 96 प्रतिशत जीवन का सफ़ाया हो गया था। इस तबाही को ‘द ग्रेट ड़ाइंग’ नाम दिया गया है। पूर्व साइबेरिया में आज से लगभग 25 करोड़ साल पहले एक ज्वालामुखी में बिशन विस्फोट हुआ था। यही से धरती पर जीवन का विनाश शुरू हुआ। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह ज्वालामुखी विस्फोट लगभग 10 सालों तक चलता रहा। इस वजह से प्रकृति के वातावरण में ज़हरीली गैस एकत्र हो गयी। इस गैस की वजह से ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ी और धरती का जीवन ख़तरे में आ गया।
शोधकर्ताओं के अनुसार साइबेरिया में ज़मीन की सतह के नीचे से भारी मात्रा में क्लोरीन, ब्रोमीन, और आयोडीन जैसे तत्व दबे हुए थे जो ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से सभी तत्व ज़मीन के ऊपर आ गए। पृथ्वी के वातावरण में इन तत्वों की मात्रा बहुत ज़्यादा हो गयी। इसके वजह से धीरे-धीरे ओज़ोन परत नष्ट होने लगी। एक समय ऐसा जब ओज़ोन परत को भारी नुक़सान हुआ और सूर्य की पराबैंगनी किरणें सीधी ज़मीन पर आने लगीं। इसकी वजह से पृथ्वी पर जीवन असम्भव हो गया। धरती पर मौजूद जंगलों का धीरे-धीरे सफ़ाया हो गया।
जानकारी के अनुसार अब तक पृथ्वी पर पाँच बड़े स्तर के विनाश हुए हैं। पाँचवा विनाश युग क्रिटाशियस-पैलियोजीन आज से लगभग 6.5 करोड़ साल पहले हुआ था। इस युग में ही पृथ्वी से डायनासोर का विनाश हुआ था। इस युग के बाद पृथ्वी पर स्तनपायी जीवों का विकास हुआ। हाल ही में नेशनल ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी अव मेक्सिको और स्टैनफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कहा कि पृथ्वी अपने छठवें व्यापक विनाश युग में प्रवेश कर चुकी है। इस विनाश के बाद पृथ्वी से जीवों की कुल प्रजातियों में से 75 प्रतिशत जीवों के विलुप्त होने की सम्भावना है।