ताज महल के 5 ऐसे रहस्य किसको कोई भी नहीं सुलझा पाया, जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान
ये बात तो हम सभी को मालूम है कि दुनिया में सात अजूबे हैं यानि 7 चमत्कार है। इन अजूबों के नाम सुनकर हमारे जेहन में जो सबसे पहली तस्वीर आती है वो है दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारतों में से एक “ताजमहल” की। इसके बारे में भी लगभग सभी को मालूम है कि इसे मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी बेगम मुमताजमहल की याद में बनवाया था। इसी वजह से इसे आज भी पूरी दुनिया में प्रेमी जोड़ों के द्वारा प्यार की अदभुत मिसाल के तौर पर देखा जाता है। इसी वजह से हर साल और हर दिन यहां लाखों लोग ताज महल के दीदार करने आते हैं। इस लेख में हम आपको इस अदभुत इमारत के बारे में 5 ऐसे आश्चर्यजनक तथ्य बताएंगे जिन्हें बहुत ही कम लोग जानते हैं। तो आइये जानते हैं ताज महल के अनोखे रहस्य जो अभी तक आपको मालूम नहीं हैं।
ये हैं ताज महल के अनोखे रहस्य
#1.
अगर ताज महल के अनोखे रहस्य की बात करें तो सबसे पहला रहस्य मुमताज किले की छत पर बना एक सुराख़ है। जी हां, मुमताज किले की छत पर एक छेद है जिसके विषय में लोगों में अलग अलग धारणाएं। कहा जाता है कि इस सुराख़ के कारण बरसात के मौसम में मुमताज किले में पानी आ जाता है। कहा जाता है कि ताज महल के बनने के बाद जब इसके कारीगरों को मालूम हुआ की उनका हाथ कटने वाला है तो उन्होंने ये सुराख बना दिया।
#2.
कहा जाता है कि दूसरे विश्व युद्ध (1945), भारत पाकिस्तान युद्ध (1971) और 9/11 के हमलों के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने ताजमहल के चारों ओर बांस का घेरा बना दिया था। इसके बाद इसे हरे रंग की चादर से ढक दिया गया था। ऐसा करने के पीछे वजह ये थी कि कोई ताज महल को देखकर इसको नष्ट न कर सके। ताज महल आज हमारे देश की अनमोल धरोहर में शामिल है और सरकार इसकी रक्षा के लिए बहुत अधिक पैसे खर्च करती है।
#3.
कहा जाता है कि यदि ताज महल के पास से यमुना नदी नहीं बह रही होती तो गिर गया होता। दरअसल, ताजमहल का निचला हिस्सा यानि आधार एक ऐसी लकड़ी पर बना हुआ है जो नमी होने पर मजबूत बनी रहती है। इसलिए वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि ताजमहल के बगल में यमुना नदी नही बह रही होती तो अब तक ताजमहल गिर चुका होता। लेकिन, शायद यही वजह है कि ताज महल को यहां पर बनाया गया था।
#4.
कहा जाता है कि ताज महल बनने के बाद शाहजहाँ अपने लिए भी इसी प्रकार का एक काले पत्थरों का ताजमहल बनवाना चाहता था। लेकिन, औरंगजेब की वजह से उसका यह ख्वाब अधूरा रह गया। अगर ऐसा हो जाता तो आज हमें एक सफेद और एक काला ताज महल देखने को मिलता।
#5.
ये एक सबसे बड़ा सवाल रहा है कि ताज महल को बनवाने में कितने पैसे खर्च हुए होंगे। तो आइये आपको बता देते हैं कि उस वक्त में इस पर कितने पैसे खर्च हुए थे। ताज महल 1632–53 की अवधि में बना था। उस वक्त तब इस पर 32 मिलियन रुपये खर्च हुए थे। जो इस वक्त 106.28 लाख अमेरिकी डॉलर के बराबर है। यानि इस वक्त में दुनिया का कोई भी इंसान ताज महल जैसी दूसरी इमारत बनवाने के बारे में सोच भी नहीं सकता।