भीमा कोरेगांव हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी ‘विरोध, लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व’
भीमा कोरेगांव हिंसा केस में 28 अगस्त को हुए 5 वामपंथी विचारकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि सभी पांचों लोग अपने घर 6 सितंबर तक नजरबंद रहेंगे। इस मामले में अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने महराष्ट्र सरकार से हाउस अरेस्ट के मामले में जवाब दाखिल करने को कहा है। आपको बता दें कि 28 अगस्त को कोरेगांव भीमा हिंसा मामले में ये पांच महीने में दूसरी बार कार्रवाई है। जब पुणे पुलिस ने पूरे देशभर में छापेमारी की है। और देश के अलग अलग हिस्से से कवि वरवरा राव, वकील सुधा भारद्वाज, अरूण परेरा, गौतम नवलखा और वेरनोन गोन्जाल्विस को गिरफ्तार किया गया है।
ये गिरफ्तारी इस साल हुए भीमा कोरेगांव हिंसा के संदर्भ में बताई जा रही है। इन सभी को कथित रूप से प्रधानमंत्री के हत्या के साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस गिरफ्तारी से पहले पुणे पुलिस ने जून महीने में 5 लोगों को गिरफ्तार किया था, और कहा जा रहा है कि इनमें से एक के यहां से एक चिट्ठी मिली थी जिसमें वरवरा राव का नाम था।
सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकार के गिरफ्तारी से सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विरोध, लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व है। अगर प्रेशर कुकर में सेफ्टी वॉल्व नहीं होगा तो वो फट सकता है।
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में हुई गिरफ्तारियों के खिलाफ रोमिला थापर, प्रभात पटनायक, सतीश देशपांडे और मजा दारूवाला ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका पेश की थी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़, न्यायाधीर ए.एम.खानविलकर के सामने याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी, प्रशांत भूषण, वृंदा ग्रोवर, राजू रामचंद्रन, दुष्यंत दवे थे। वहीं सरकार की ओर से तुषार मेहता मौजूद थे।
सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तार लोगों का पुलिस की एफआईआर में कोई जिक्र ही नहीं है। और इन पर किसी तरह के किसी भी मीटिंग का आरोप भी नहीं है। सिंघवी ने कहा कि ये मामला संविधान के अनुच्छेद 21 से जुड़ा मामला है जो आजादी के अधिकार से जुड़ा मामला है। लिहाजा गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए।
तुषार मेहता ने सिंघवी के विरोध में कहा कि उन लोगों ने याचिका लगाई है जिनका इस केस से कोई लेना देना नहीं है।
सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि असहमति हमारे लोकतंत्र का सेफ्टी वाल्व है, अगर आप प्रेशर कुकर में सेफ्टी वॉल्व नहीं लगाएंगे तो वो फट सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाया है। और अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी।