पापा सैफ अली खान के 5000 करोड़ की दौलत का वारिस नहीं बन पायेगा तैमूर, जानें वजह
बॉलीवुड में एक ऐसा नवाब है जिसे कभी अपनी फिल्में हिट और फ्लॉप होने का कोई गम नहीं रहा क्योंकि पैसों का लॉस उसके लिए कोई मायने नहीं रखता. उस नवाब को दुनिया सैफ अली खान के नाम से जानती है जो इस समय 5000 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी का मालिक है. सैफ अली का ताल्लुख मध्य प्रदेश के सबसे अमीर राज घराने पटौदी खानदान से है, जो 5000 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी के लिए जाने जाते हैं लेकिन इसका वारिस असल में कौन बनेगा ये एक अहम सवाल है.
उनकी पूरी प्रॉपर्टी मूवेबल और इममूवेबल प्रॉपर्टी एनिमी प्रॉपर्टी एक्ट की जद में है. इस एक्ट के मुताबिक अगर कोई एनिमी प्रॉपर्टी पर अपने बेटे के वारिस होने के दावा करता है तो उसे हाईकोर्ट या फिर सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा करना होता है तो शायद इसलिए अरबों की दौलत का वारिस नहीं बन पायेगा तैमूर.
नवाब पटौदी की प्रॉपर्टी हमेशा से ही विवादों में रही है. भोपाल में उनकी ज्यादातर जमीन-जायदाद एनिमी प्रॉपर्टी एक्ट की जद के अंतर्गत है. गृह मंत्रालय का एनिमी प्रॉपर्टी डिपार्टमेंट इस प्रॉपर्टी की लंबे समय से जांच कर रहा है लेकिन अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लग रहा है. भोपाल के नवाब हमीदुल्ला खान ने जायदाद का वारिस अपनी बड़ी बेटी आबिदा को बनाया था, जो पार्टिशन के समय पाकिस्तान चली गई थीं. इसके बाद इस प्रॉपर्टी पर उनकी मंझली बेटी साजिदा सुल्तान के परिवार का कब्जा हो गया, और उन्ही के पोते हैं जिनके पोते हैं सैफ अली खान, यानी सैफ हमीदुल्ला के परपोते हैं. भोपाल में सैफ के परदादा की कुल प्रॉपर्टी लगभग 5000 करोड़ रुपए की है जो कि हरियाणा और देश के दूसरे कई हिस्सों में फैली हुई है. सैफ के पिता नवाब पटौदी के निधन के बाद कुछ महीने तक प्रॉपर्टी की देखरेख उनकी पत्नी शर्मिला टैगोर ने की लेकिन बाद में उन्होंने इसकी सारी जिम्मेदारी सैफ की बहन सबा को दे दी जो पेशे से एक फैशन डिजाइनर भी हैं. मगर आपको बता दें कि नवाब पटौदी की वसीयत अभी तक सामने नहीं आई है. इसलिए अभी ये बात साफतौर पर सामने नहीं आई है कि इस प्रॉपर्टी में कौन सा हिस्सा मंसूर अली खान की पत्नी को मिलेगा और कौन सा उनके तीन बच्चे (सैफ, सबा और सोहा) में किसे क्या मिलेगा.
अब सैफ के भी तीन बच्चे हैं दो उनकी पहली शादी (जो कि अमृता सिंह से हुई) और एक करीना कपूर से है ये तीनो सैफ की प्रॉपर्टी के दावेदार हो गए हैं.
हमीदुल्ला खां का कोई भी बेटा नहीं था उनकी तीन बेटियां ही थीं. उनकी बड़ी बेटी आबिदा पाकिस्तान चली गई और सबसे छोटी बेटी राबिया अपने ससुराल चली गई थीं. इसके बाद उनकी प्रॉपर्टी का बड़ा हिस्सा उनकी मंझली बेटी साजिदा सुल्तान को मिल गया था. साजिदा सुल्तान की शादी पटौदी के नवाब इफ्तिखार अली से हुई थी, फिर उऩ्हें दो बेटियां और एक बेटा हुआ था. उस बेटे का नाम मंसूर अली खां पटौदी था. सालेहा सुल्तान और सबीहा सुल्तान उनकी बेटियां थीं, जिनकी शादी हैदराबाद में हुई. मंसूर अली खान पटौदी ने एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर से शादी की और उस पटौदी खानदान का बेटा होने के नाते पूरी जायदाद मंसूर अली खां पटौदी ने ही संभाली. फिर उनका देहांत साल 2012 में हो गया जिसके बाद उनकी सारी प्रॉपर्टी उनकी पत्नी संभाल रही थीं. एनिमी प्रॉपर्टी प्रोटेक्शन एंड रजिस्ट्रेशन एक्ट साल 1968 में बना, फरवरी 2015 के एक आदेश में केंद्र सरकार ने हमीदुल्ला खां की वारिस सैफ अली खान की दादी साजिदा सुल्तान को नहीं माना बल्कि उनकी बड़ी बहन आबिदा को माना था. मगर अब वे साल 1950 में ही पाकिस्तान जा चुकी थीं. इसके बाद केंद्र सरकार ने आबिदा की प्रॉपर्टी का ब्यौरा भी मध्यप्रदेश सरकार से मांगा था. एनिमी प्रॉपर्टी अमेंडमेंट ऑर्डिनेंस साल 2016 के लागू होने और एनिमी सिटीजन की नई परिभाषा के बाद विरासत में मिली ऐसी प्रॉपर्टीज से इंडियन सिटीजंस का मालिकाना अधिकार खत्म हो चुका है.