हार्मोनल असुंतलन होने की वजह से महिलाओं को होती हैं ये 10 बड़ी समस्या, जानिए क्या है पूरा मामला
हार्मोन शारीरिक क्रिया के लिए बहुत ही आवश्यक है। हार्मोन्स पूरी शरीर की प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं। इसी कारण हार्मोनल असंतुलन के से संपूर्ण शारीरिक क्रियाएं बिगड़ जाती हैं। शरीर में कई तरह के हार्मोन्स पाए जाते हैं, जैसे शरीर में कार्टिसोल नामक हार्मोन पाया जाता है। जिसके उत्पन्न होने से शरीर में तनाव उत्पन्न होने लगता है। कार्टिसोल हार्मोन के स्त्राव से शरीर में तनाव, चिंता और निराशा होने लगती है। हार्मोनल असंतुलन के कारण ही व्यक्ति के मूड में बार बार परिवर्तन आता है। इसे मूड स्विंग भी कहते हैं। मूड स्विंग की क्रिया ज्यादातर महिलाओं में होती है।
शरीर में अगर किसी भी प्रकार का हार्मोनल असंतुलन होता है तो उससे संबंधित हार्मोन शरीर की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करते हैं। शरीर की सभी क्रियाएं लगभग हार्मोन्स पर निर्भर करती हैं। जैसे सोने से लेकर भूख लगने तक हार्मोन के कारण ही होता है। आपके शरीर में हार्मोनल असंतुलन है या नहीं यह जानने का बहुत ही आसान तरीका मौजूद है। तो आइये जानते हैं वे कौन से शारीरिक परिवर्तन हैं जिनसे ये पता लगाया जा सकता है कि शरीर में हार्मोन्स की कमी है।
- तनाव, मूड में बदलाव और डिप्रेशन की समस्या– हार्मोनल असंतुलन के कारण तनाव, मूड में बदलाव जैसी समस्या आती है। महिलाओं को ऐसी समस्या महावारी के दौरान अधिक होती है। शरीर में एस्ट्रोजन लेवल के कम होने से भी ऐसा होता है। मुख्यतः कार्टिलोल नामक हार्मोन के अधिक स्त्राव से ये समस्या आती है ।
- अनियमित पीरियड्स- वर्तमान जीवनशैली में ये महिलाओं में आम समस्या बन गई है। हालांकि ये हार्मोन्स के असंतुलन का ही संकेत है। ऐसा शरीर में एस्ट्रोजन या प्रोजेस्टेरॉन में असंतुलन चाहे वो कमी हो या अधिक की वजह से होता है।
- अनिद्रा की असमस्या- महिलाओं में महावारी से कुछ दिन पहले हाथों पैरों में दर्द या अनिद्रा की समस्या रहती है तो समझ जाइए कि हार्मोन असंतुलित है। इस असंतुलन के लिए प्रोजेस्टोन नामक हार्मोन जिम्मेदार होती है। इस हार्मोन के असंतुलन या कमी से नींद से जुड़ी समस्या होती है। नींद से जुड़ी समस्या भी आपके स्वास्थय के लिए परेशानी का सबब बन सकती है।
- पाचन में समस्या- स्ट्रेस हार्मोन कहा जाने वाला कार्टिसोल, तनाव और गुस्सा के लिए तो जिम्मेदार होता ही है साथ ही यह शरीर के पाचन तंत्र को भी प्रभावित करता है। अत्यधिक तनाव की वजह से पेट में दर्द और असमय शौच जाने की समस्या भी रहती है।
- पसीना आना- हार्मोनल असंतुलन की वजह से कुछ महिलाओं को बहुत पसीना आता है। हार्मोन शरीर की सभी क्रियाओं के लिए जिम्मेदार हैं। शरीर के तापमान को भी हार्मोन्स नियंत्रित करते हैं। और हार्मोन्स असंतुलन की वजह से ये समस्या आती है।
- लगातार सिर दर्द रहना- महावारी के दौरान सिर में लगातार दर्द बना रहना भी हार्मोनल असंतुलन का कारण है। इस समस्या से निजात शरीर में हार्मोनल पूर्ति के बाद ही होती है।
- अत्यधिक थकान- थायराइड हार्मोन, थायराक्सिन में असंतुलन के कारण आपको अत्यधिक थकान महसूस होती है। यहां तक की हार्मोनल बदालव के कारण महावारी के दौरान कमजोरी जैसी समस्या भी आती है।
- भूलने की समस्या– कुछ याद न रख पाना, या कुछ जरूरी काम भूल जाना भी हार्मोनल असंतुलन का कारण है।
- कील, मुंहासे– चेहरे पर कील, मुंहासे का होना हार्मोनल असंतुलन का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। असंतुलन की वजह से महिलाओं को महावारी से कुछ दिन पहले ही चेहरे पर कील,मुंहासे आने शुरू हो जाते हैं।
- अधिक भूख लगना- एस्ट्रोजन हार्मोन के कारण अधिक भूख लगने की समस्या भी आती है। ऐसा एस्ट्रोजन हार्मोन्स में कमी के कारण होता है।