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पहली बार आतंक विरोधी अभियान में एक साथ आए भारत-पाकिस्तान के सैनिक, चीन ने कहा…

नई दिल्ली: यह सुनकर आपको भले ही हैरानी हो रही होगी, लेकिन यह सच है। जी हाँ रूस में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के 8 देशों का आतंक निरोधी मिलिट्री अभ्यास चल रहा है। इसमें भारत-पाकिस्तान के साथ ही अन्य देशों के 3000 सैनिक भाग ले रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह पहली बार है जब भारत-पाकिस्तान के सैनिक एससीओ में एक साथ हिस्सा ले रहे हैं। भारत और पाकिस्तान के एक साथ आने से लोगों को उम्मीद बढ़ गयी है कि दोनो देश आने वाले समय में दोस्त बन सकते हैं। आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

सबसे ज़्यादा रूसी सैनिकों ने लिया है हिस्सा:

 

जानकारी के अनुसार इस अभ्यास में रूस के सबसे ज़्यादा सैनिक हैं। इस अभ्यास में रूस के 1700 सैनिकों ने हिस्सा लिया है, जबकि चीन के 700 सैनिकों ने और भारत के 200 सैनिक हिस्सा ले रहे हैं। इन देशों के अलावा कजाख़स्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, उज़बेकिस्तान के जवान भी शामिल हुए हैं। बीजिंग स्थित शंघाई सहयोग संगठन के आतंकी निरोधी अभ्यास रूस के चेल्याबिंक्स के चेबारकुल शहर में 22 अगस्त से शुरू हो चुका है। बताया जा रहा है कि यह अभ्यास आने वाले 29 अगस्त तक चलेगा।

इस सहयोग संगठन का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद और कट्टरपंथ के बढ़ते ख़तरे से निपटने के लिए सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाना है। यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है कि आज किस तरह से आतंकवाद और कट्टरपंथ दुनिया में तेज़ी से अपने पैर पसार रहा है। आए दिन आतंकी लोगों की बेरहमी से जान लेते हुए दिखते हैं। आतंक की वजह से आज पूरी दुनिया परेशान हैं। इससे निपटने के लिए अब पूरी दुनिया एक साथ आ रही है। आतंक का गढ़ कहे जानें वाला पाकिस्तान सबसे ज़्यादा आतंकी घटनाओं का शिकार होता है।

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ सकती हैं नज़दीकियाँ:

यही वजह है कि पाकिस्तान की नयी सरकार ने आतंक को जड़ से मिटाने के लिए हर सम्भव कोशिश कर रही है। जून 2017 में एससीओ के पूर्णकालिक सदस्य बनाने के बाद भारत और पाकिस्तान इस अभ्यास में पहली बार हिस्सा ले रहे हैं। इससे पहले भारत और पाकिस्तान इस संगठन के सदस्य नहीं थे। इस अभ्यस का नाम ‘पीसफुल मिशन 2018’ रखा गया है। इसका आयोजन रूस के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने किया है। उम्मीद की जा रही है कि इस अभियान के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच नज़दीकियाँ बढ़ सकती है। हालाँकि आगे क्या होगा, इसके बारे एम कुछ नहीं कहा जा सकता है।

दक्षिण एशिया के लिए महत्वपूर्ण हैं दोनो देश:

भारत और पाकिस्तान की सेनाओंके पहली बार शामिल होने का चीन ने ज़ोरदार स्वागत किया है। चीन ने उम्मीद जताई है कि दोनो देश क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बनाए रखने के लिए द्विपक्षीय स्तर और बहुपक्षीय प्रणालियों में वार्ता और सहयोग को बढ़ा सकते हैं। चीन के प्रवक्ता ने भारत-पाकिस्तान के इस अभ्यास में शामिल होने पर कहा कि दक्षिण एशिया के लिए दोनो ही देश बहुत महत्वपूर्ण हैं। दोनो के बीच बेहतर सम्बंध पूरी दुनिया की शांति और विकास के लिए ज़रूरी है। कुछ दिनों पहले ही चीन ने कहा था कि वह दोनो देशों के सम्बन्धों को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है।

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