एशियन गेम्स में 20 साल के नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, भाला फेंक प्रतियोगिता में जीता गोल्ड
एशियन गेम्स के 9वें दिन भारत को बड़ी सफलता मिली है। सोमवार को एशियन गेम्स 2018 के मेंस जेवलिं थ्रो में भारत के नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। बताया जा रहा है कि जैवलिन थ्रो में आजतक किसी भारतीय को एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल नहीं मिला था। अब तक दो बार केवल सिल्वर मेडल ही मिला है। जानकारी के अनुसार नीरज का पहला थ्रो 83.46 मीटर रहा, जबकि उनका दूसरा थ्रो फ़ाउल हो गया था। लेकिन तीसरे थ्रो में नीरज ने 88.06 मीटर भाला फेंककर ख़ुद का ही नेशन रिकार्ड तोड़ दिया।
पहली बार जैवलिन थ्रो में भारत ने जीता गोल्ड:
इतनी दूरी तक भाला फेंकने वाले नीरज ने गोल्ड पर अपना क़ब्ज़ा जमय। नीरज ने अपने चौथे थ्रो के दौरान 86.36 मीटर भाला फेंका। हालाँकि अपने पाँचवें थ्रो में वह फिर से फ़ाउल हो गए। लेकिन वह अपने अन्य विरोधियों से फिर भी आगे थे। इस वजह से ज़्यादा फ़र्क़ नहीं पड़ा।
आपको जानकर हैरानी होगी कि नीरज मिल्खा सिंह के बाद दूसरे ऐसे भारतीय एथलीट हैं, जिन्होंने एक ही साल में कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता है। नीरज का यह कारनामा इसलिए भी बहुत ख़ास माना जा रहा है, क्योंकि आज तक जैवलिन थ्रो में भारत गोल्ड नहीं जीत पाया था।
आख़िरी बार जैवलिन में 1982 में भारत ने जीता था कोई मेडल:
जैवलिन में आख़िरी बार भारत ने 1982 में कोई पदक जीता था। 1982 में हुए एशियन गेम्स में भारत में गुरजेत सिंह ने कांस्य पदक हासिल किया था। लेकिन नीरज ने सबको पीछे छोड़ते हुए इतिहास ही रच दिया। वहीं इस प्रतियोगिता के दौरान नीरज ने अपना ख़ुद का रिकार्ड भी रोड दिया। नीरज का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ रिकार्ड 87.43 मीटर का है, जो उन्होंने मई में दोहा के डायमंड लीग प्रतियोगिता के पहले चरण में बनाया था। लेकिन इस बार तो उन्होंने कमाल ही कर दिया।
18वें एशियाई खेलों में अब तक भारत के कुल 41 पदक हो चुके हैं। भारत 8 गोल्ड मेडल, 13 सिल्वर, और 20 ब्रांज मेडल जीत चुका है। वहीं इस प्रतियोगिता में बही भी चीन सबसे आगे बना हुआ है, चीन के पास अब तक कुल 86 गोल्ड मेडल, 62 सिल्वर मेडल और 43 ब्रांज मेडल के साथ 191 मेडल हैं। चीन लगभग हर बार ही किसी भी खेल में सबसे आगे रहता है। हालाँकि भारत भी एशियाई खेलों में अपनी जान लगाए हुए है। खेल के नौवें दिन भारतीय खिलाड़ियों के रजत पदक जितने का सिलसिला जारी रहा। केरल की नीना वरक्कल ने लम्बी कूद प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहकर रजत पदक जीता।
वहीं महिलाओं की 3000 मीटर दौड़ में रायबरेली की धाविका ने स्टीपलचेज प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहते हुए रजत पदक जीता। जानकारी के अनुसार 2010 में हुए एशियाई खेलों में सुधा को गोल्ड मेडल मिला था, लेकिन इस बार वो दूसरे स्थान पर आयी। पुरुषों की 400 मीटर बाधा दौड़ में तमिलनाडु के 21 साल के एथलीट धरूण अय्यसामी ने फ़ाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय रिकार्ड बनाते हुए दूसरा धान हासिल किया और रजत पदक जीता। आज भारत को दो गोल्ड मेडल की उम्मीद है।