मुलायम सिंह ने ज़ाहिर किया अपना दुःख, कहा शायद मरने के बाद लोग करें मेरी इज़्ज़त
मुलायम सिंह के बारे में किसी को कुछ बताने की ज़रूरत नहीं है। लोहिया के सामवजवाद पर समाजवादी पार्टी की स्थापना करने वाले मुलायम सिंह की आज ख़ुद की ही पार्टी में दुर्गति हो गयी है। अपनी ही बनाई पार्टी में हँसिये पर चले गए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव ने शनिवार को भावुक होते हुए कुछ ऐसा कहा, जिसके बारे में किसी ने कल्पना नहीं की थी। दरअसल पार्टी में हो रही उपेक्षा की वजह से मुलायम सिंह यादव का दर्द छलक आया।
लोहिया भी कहते थे ज़िंदा रहते कोई नहीं करता उनका सम्मान:
मुलायम सिंह ने कहा कि आज उनका कोई सम्मान नहीं करता है, शायद मेरे मरने के बाद लोग ऐसा करें। आख़िर मुलायम सिंह यादव ने ऐसी बात क्यों कही, इसके पीछे एक लम्बी कहानी है। समाजवादी चिंतक भगवती सिंह के 86वें जन्मदिन समारोह में शनिवार को मुलायम सिंह ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि लोहिया के साथ भी ऐसा ही हुआ था। वह भी कहते थे कि ज़िंदा रहते हुए उनका भी कोई सम्मान नहीं करता है। भगवती सिंह को जन्मदिन की बधाई देते हुए मुलायम सिंह यादव ने अपने अतीत को भी याद किया।
अटल जी के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में शामिल हुए थे मुलायम सिंह:
मुलायम सिंह यादव ने अपने अतीत के पलों को याद करते हुए कहा कि भगवती सिंह जी की समाजवादी पार्टी के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भगवती सिंह जी ने हर क़दम पर मेरा साथ दिया। डॉक्टर लोहिया चंद्रशेखर जी, राजनारायण, मधु लीमये जैसे बड़े नेताओं के साथ समाजवादी विचारधारा को बढ़ाने में भगवती सिंह और मैंने मिलकर काम किया। इन्होंने समाजवादी पार्टी के गठन में अहम भूमिका निभाई है। संगठन को मज़बूत करने में इनका बड़ा योगदान है। समाजवादी पार्टी और भाजपा की विचारधारा अलग-अलग है। भाजपा, सपा की विरोधी पार्टी है, इसके बाद भी अटल जी के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में मुलायम सिंह शामिल हुए थे।
सपा में नेतृत्व को लेकर हुआ था बड़ा बवाल:
उस समय मुलायम सिंह ने अपने और अटल जी के सम्बन्धों के बारे में भी बताया था। पार्टी में ख़ुद को किनारे किए जानें की वजह से उन्हें बहुत दुःख है और समय-समय पर वह अपना यह दुःख ज़ाहिर करते रहते हैं। जानकारी के अनुसार पिछले साल ही सपा में पार्टी के नेतृत्व को लेकर बड़ा विवाद हो गया था। उन्होंने कहा था कि पिता होने के नाते बेटे अखिलेश के साथ उनका आशीर्वाद है, लेकिन वह अखिलेश के फ़ैसलों से सहमत नहीं है। उस समय मुलायम सिंह यादव ने यहाँ तक कहा था कि जो अपनी बात का पक्का नहीं वो वादा निभाने वाला नहीं।
इतने के बाद ही मुलायम सिंह यादव रुके नहीं थे। उन्होंने यहाँ तक कह दिया था कि वह जीवन में कभी कामयाब नहीं होगा। उसने बाप को धोखा दिया है। गांधी भवन प्रेक्षागृह, कैसरबाग में हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजवादी नेता सहदेव सिंह गौतम ने की। इस कार्यक्रम का संचालन बख़्श सिंह चौहान ने किया। इससे पहले समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने घर जाकर भगवती सिंह को जन्मदिन की बधाई दी। वहीं सपा के अध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव ने शुभकामना पत्र के ज़रिए बधाई दी।