कान में दर्द होने से हो सकती है ये बड़ी समस्या, जानिए इसके लक्षण और उपाय
कान का दर्द बर्दाश्त के बाहर होता है। कान हमारे शरीर का एक नाजुक अंग है, शरीर के सबसे संवेदनशील अंगों में से गिना जाता है। इसलिए कान में निकली एक छोटी सी फुंसी भी बहुत ही ज्यादा दर्द पैदा करती है। कान शरीर का एक बहुत ही जरूरी अंग है। हमारे शरीर के अंदर 5 इंद्रियां हैं। जिसमें से एक श्रवण इंद्री भी है। और शरीर में सुनने का काम कान ही करती है। कान दर्द बहुत ही पीड़ादायक होता है। कान का दर्द अधिकतर कान के अंदरूनी हिस्से में होता है। ज्यादातर देखा गया है कि कान में दर्द की समस्या अधिकतर बच्चों को होती है। लेकिन ऐसा नहीं है कि ये बड़ों में नहीं हो सकती, बड़ों के कान में भी संक्रमण हो सकता है।
हालांकि कान में दर्द को किसी गंभीर बीमारी का संकेत नहीं कहा जाता लेकिन यह दर्द काफी ज्यादा पीड़ादायक हो सकता है। कान में अंदरूनी, मध्य, बाहरी हिस्से में यह दर्द किसी रोग के कारण संभव हो सकता है। हालांकि कान के किसी भी हिस्से में दर्द हो वह एक समान दर्द होता है। कान में दर्द शरीर के किसी अन्य अंग में हो रहे दर्द से भी कान तक पहुंच सकता है। जैसे उदाहरण के तौर पर अगर दांत में कैविटी हो तो यह दर्द मसूड़ों से लेकर कान तक पहुँच सकती है।
कान में दर्द के लक्षण- कान दर्द एक असहनीय अनुभव है। कान में दर्द होने के साथ साथ कुछ लक्षण भी दिखाई देते हैं अगर आपकों भी इस तरह का कुछ लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टरी सलाह लें। तो चलिए जानते हैं क्या क्या लक्षण हैं।
- खाना खाने के दौरान दर्द या गले में दर्द
- तेज बुखार
- कान के चारों ओर सूजन
- कान से द्रव निकलना
- कान में कुछ फंसना
- सुनने में बदलाव
- दर्द के कारण बुखार आदि
कान में दर्द का कारण- कान दर्द के कारणों में निम्न कारण हो सकते हैं।
- शिशुओं को बचपन में बोतल से दूध पिलाना- ये छोटे बच्चों में कान दर्द का सबसे आम कारण होता है। क्योंकि इससे कान में संक्रमण बहुत जल्दी फैलता है।
- नहाने के दौरान कान में साबुन या शैंपू रह जाना- यह समस्या कई बार लापरवाही की वजह से होती है। चूंकि कान की नलिका बहुत ही छोटी होती है। अगर इसमें साबुन या शैंपू रह जाता है तो संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है। इसलिए कानों में दर्द होता है।
- बच्चों को नहलाने के दौरान- बच्चों के कान की नलिका बड़ों से छोटी होती है। इसलिए बच्चों को नहलाने के दौरान उनके कान का विशेष ध्यान दें क्योंकि अगर कान में थोड़ा भी पानी रह जाए तो इससे कान में संक्रमण हो सकता है।
- कान के परदे में छेद- कान के परदे में छेद किसी दर्घटना या तीव्र आवाज के कारण भी हो सकता है। लगातार हेडफोन या इयरफोन में तीव्र आवाज से सुनने से कान के पर्दे में छोटा छेद हो सकता है। इससे कान में असहनीय दर्द होता है। इसके इलाज के लिए डॉक्टर कई बार शल्य क्रिया करवाने की सलाह भी देते हैं।
कान में दर्द से बचाव-
- बच्चों के आसपास धूम्रपान न करें। क्योंकि बच्चे संवेदनशील होते हैं। धूम्रपान के धुएं से कानों में संक्रमण संभव है।
- संक्रमण की रोकथाम के लिए कोई भी मशीन का प्रयोग न करें। जैसे हेडफोन इत्यादि।
- कान में अनावश्यक किसी चीज से खुजली न करें। कई लोगों की आदत होती है, वे चाबी या माचिस की तीली से अपना कान खुजलाते रहते हैं। ऐसा करने से बचें।
- नहाने के बाद कान को अच्छी तरीके से पोछें। या कान में दर्द की शिकायत है नहाते वक्त कान में रूई डालकर नहाएं।
कान दर्द का इलाज-
- कान के दर्द को कम करने के लिए गर्म पानी का भाप लें। ऐसा एक महीने तक करने से कान दर्द में राहत मिल सकती है।
- चाकलेट या ऐसा ही कुछ टॉफी जैसा मुंह में रखकर उसे चबाएं या चूसें। इससे कान में दबाव कम होता है।
- हमेशा सीधा लेटकर सोएं।
- किसी भी तरह का पेन किलर लेने से बचें। जब तक डॉक्टर की सलाह न हो।
- अगर आपके कान में कुछ फंस जाए तो हमेशा ईयर बड का ही इस्तेमाल करें।