यूएइ सरकार का ख़ुलासा, केरल बाढ़ के बाद हमने तो 700 करोड़ देने की बात की ही नहीं
केरल की बाढ़ ने केरल का पूरी तरह से नक़्शा ही बदल दिया है। केरल बाद के बाद देश के हर कोने के लोग मदद के लिए आगे आ रहे हैं। एक तरफ़ केरल ने बाढ़ की वजह से बहुत कुछ खोया है, तो वहीं लोग उसकी मदद के लिए अपना दिल खोलकर चंदा दे रहे हैं। इस मामले में कई विदेशी संस्थाओं ने भी भारत की मदद की है। कई अन्य देशों ने भी भारत की मदद करने की कोशिश की, लेकिन विदेशों से चंदा ना लेने की क़सम की वजह से भारत ने उनके प्रपोज़ल को बड़ी विनम्रत से ठुकरा दिया।
भारत ने यह निर्णय लिया है कि वह किसी भी आपदा के समय किसी अनय देश से कोई मदद नहीं लेगा। इसी बीच ऐसी ख़बर आ रही थी कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) सरकार की तरफ़ से भारत को 700 करोड़ रुपए आर्थिक मदद के रूप में दिया जा रहा था, जिसे भारत सरकार ने लेने से इनकार कर दिया। इसी बीच UAE सरकार ने एक चौकने वाला बयान दिया है। जी हाँ उसके अनुसार उसने कभी अधिकारिक रूप से ऐसी कोई पेशकश की ही नहीं थी।
अभी तक हो रहा है आंकलन:
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार UAE के भारत में राजदूत अहमद अल्बन्ना ने कहा कि UAE द्वारा वित्तीय मदद के तहत किसी तरह की राशि देने की कोई घोषणा नहीं की गयी है। अल्बन्ना ने बताया कि बाढ़ और उसके बाद के हालत से निपटने के लिए कितनी राहत की ज़रूरत है, अभी तक इसका आंकलन नहीं किया गया है। वित्तीय मदद के रूप में किसी राशि की घोषणा अभी अंतिम नहीं हो सकती है, क्योंकि अभी आंकलन किया जा रहा है। जब उनसे यह पूछा गया कि इसका मतलब UAE ने 700 करोड़ रुपए के आर्थिक मदद की घोषणा नहीं की थी।
विदेश मंत्रालय ने कर दिया था मदद लेने से इनकार:
इसके जवाब में अल्बन्ना ने कहा कि हाँ यह सही है। तय कोई तय राशि नहीं है, अभी तक इसके बारे में कोई घोषणा नहीं की गयी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने ख़ुद यह कहा था कि अबू धाबी के प्रिंस शेख़ मोहम्मद बिन जयाद अल नाहियान ने पीएम नरेंद्र मोदी से फ़ोन पर बातचीत करके 700 करोड़ रुपए की मदद देने की बात की है। वहीं विदेश मंत्रालय ने ऐसी किसी मदद को लेने से इनकार करते हुए कहा था कि भारत सरकार की नीति के तहत किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय दूसरे देश से कोई आर्थिक मदद नहीं ली जाएगी।
UAE के राजदूत अल्बन्ना ने बताया कि, हुआ बस यह है कि UAE के वाइस प्रेसिडेंट और प्रधानमंत्री एवं दुबई के शासक शेख़ मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने केरल बाढ़ की मदद के लिए एक नेशनल इमरजेंसी कमेटी बनाई है। इसके पीछे सोच यह थी कि इसके ज़रिए फ़ंड, राहत सामग्री, दवाएँ एवं अन्य ज़रूरी चीज़ें जुटाई जाएँ। आपको बता दें आपदा सहायता को लेकर 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की घोषणा के बाद से भारत किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदाओं में दूसरे देशों से आर्थिक मदद नहीं लेता है। बल्कि ऐसे समय में भारत दूसरे देशों की खुलकर मदद करता है।