गुजरात की जनता से पीएम मोदी ने किया बड़ा वादा, ‘2022 तक होगा सबके पास अपना घर’
पीएम मोदी अपने गृह राज्य गुजरात के दौरे पर हैं । इसी दौरान उन्होंने आज वलसाड में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत एक लाख लोगों गृह प्रवेश कराया। वलसाड में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मेरा लक्ष्य है कि 2022 तक सबके पास अपना मकान हो। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत किसी भी लाभार्थी को लाभ लेने के लिए एक रूपए का भी रिश्वत देना नहीं पड़ा है। इसी बात पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में दलाली या कमीशन की कोई जगह नहीं है। और मेरी सरकार में दिल्ली से एक रूपया किसी के लिए चलता है तो वह गरीब के घर 100 पैसे ही पहुँचता है। यह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और कांग्रेस के सरकारों पर कटाक्ष था। तो आइये जानते हैं कि जिस योजना के तहत गरीबों को आवास प्रदान किया जा रहा है, वह कौन सी योजना है।
हॉउसिंग फॉर अॉल की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 जून 2015 को की थी। जिसे प्रधानमंत्री आवास योजना भी कहा जाता है। यह लोगों को अपना घर खरीदने के सपने को साकार और सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई योजना है। इस योजना के तहत 2011 के जनगणना के तहत वैधानिक कस्बों में लाभार्थियों को वित्तिय सहायता प्रदान करती है। इस योजना का लाभ पहले केवल गरीब लोगों को ही मिलता था, लेकिन अब इसके दायरे में शहरी गरीब और मध्यम वर्ग को भी लाया गया है। इसमें लोन देने की सीमा भी 3 से 6 लाख को बढ़ाकर 18 लाख कर दी गई है।
किस आय वर्ग को मिलेगा लाभ- अगर आपकी आय वर्ग 3 से 6 लाख रूपए है तो आपको ब्याज में अधिक सहायिकी(सब्सिडी) मिलेगी। जबकि अगर आपकी सालाना 6 से 18 लाख रूपए तक है तब आपको ब्याज में कम सब्सिडी मिलेगा। इस योजना का दायरा 6 लाख से 18 लाख 2017 में किया गया है।
शर्तें- शर्त जानने से पहले इस योजना के मुख्य उद्देश्य के बारे में जान लें। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि सभी को पक्का मकान मिले। अगर किसी के पास पहले से पक्का मकान है तो वह इस योजना का लाभ नहीं ले सकता। इस योजना के अंतर्गत वही लोग आएंगे जिनके पास अपने खुद के पक्के मकान नहीं हैं।
लक्ष्य- प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य मार्च 2019 तक एक करोड़ नए आवास बनाने का है। जिसमें 2018 तक 51 लाख मकान बनाने का लक्ष्य सुनिश्चित किया गया है।
पीएम मोदी ने कहा ये मकान परिवारों के मेहनत और पसीने से बने हैं- हमारी माताएं बहनें कह रही हैं कि पूरे संतोष के साथ हमें मकान मिला है। और उन्हें एक रूपए की रिश्वत भी देनी नहीं पड़ी है। सरकार ने धन जरूर दिया है, लेकिन साथ ही यह परिवारों के पसीने से निर्मित हुए हैं।