युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है ब्रुगाडा सिंड्रोम का खतरा, जानिए इसके कारण और लक्षण
वर्तमान आधुनिक जीवन में ब्रुगाडा सिंड्रोम की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। यह दिल में होने वाली एक खास तरह की बीमारी है। यह असामान्य दिल के लिए एक गंभीर अवस्था है। युवाओं की बीमारी आजकल हमारे आस पास का पाल्यूशन और बिगड़ते खान पान का नतीजा है। ब्रुगाडा सिंड्रोम दिल से जुड़ी एक ऐसी ही बीमारी है। इस बीमारी का खतरा 30 से 40 के उम्र वाले युवाओं को ज्यादा बना रहता है। तो आइए जानते हैं आखिर ब्रुगाडा सिंड्रोम है क्या?
ब्रुगाडा सिंड्रोम में दिल तेजी से धड़कने लगता है। यह परेशानी तब पैदा होती है जब हार्ट की इलेक्ट्रानिक एक्टिविटी ब्लॉक हो जाती है। वैसे तो इस बीमारी के बारे में कहा जाता है कि ये जेनेटिक है। लेकिन ढंग का खानपान न करना भी इस बीमारी का जड़ बन सकता है। इस बीमारी से अचानक डेथ की भी कई खबर आ चुकी है। इस बीमारी की सबसे खतरनाक बात ये है कि इस बीमारी से होने वाली मौतें बिना किसी सिग्नल के ही होती हैं। महिलाओं के बजाए पुरूष इस बीमारी के अधिक शिकार होते हैँ। इस सिंड्रोम में मेन हॉर्मोन यानी टेस्टोस्ट्रान का मेन रोल होता है। यह एक गंभीर स्वास्थय समस्या है। अचानक दिल की धड़कन बढ़ने या घटने से किसी अनुभवी चिकित्सक से संपर्क करें।
इस बीमारी में मरीज को अक्सर बेहोशी छाने की शिकायत आती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मरीज के दिल की इलेक्ट्रानिक एक्टिविटी अचानक बाधित होती है। हालांकि यह अनुवांशिक कारणों से अधिक होता है। इसलिए इस बीमारी के दौरान सभी को एकसमान हृदय का संकुचन महसूस नहीं होगा।
ब्रुगाडा सिंड्रोम के कारण-
हृदय की हर मांसपेशी की कोशिका की सतह पर छोटे खुले बंद छिद्र या आयन चैनल बने होते हैं। जो कैल्शियम और पोटैशियम परमाणु कोशिकाओं हृदय के अंदर व बाहर विद्युत चार्ज करने देते हैं। परमाणु का यह मार्ग हृदय की विद्युत गतिविधि को उतपन्न करता है। यही विद्युत तरंगे हृदय के पंपिंग में मदद करते हैं। इन्हीं विद्युत तरंगों की गड़बड़ी से ब्रुगाडा सिंड्रोम जैसी समस्या उतपन्न होती है।
ब्रुगाडा सिंड्रोम क्यों है घातक-
यह सिंड्रोम तब घातक हो जाता है, जब हृदय की गति अचानक बेहद धीमी या तेज हो जाती है। अचानक बहुत धीमी हो जाने के कारण हृदय रक्त को पंप नहीं कर पाता। और रक्त के पपिंग न होने से यह मौत का कारण भी बनती है। यह सिंड्रोम युवाओं में हृदय संबंधी बीमारियों का कारण बनकर उभर रही है।
ब्रुगाडा सिंड्रोम के लक्षण क्या क्या हैं-
इसके लक्षण अक्सर 30 से 40 की उम्र वाले लोगों में होता है। लेकिन कभी कभी इसके लक्षण बचपन से ही दिखने लगते हैं। इसके मुख्य लक्षण हैं बेहोशी आना, चक्कर आना, हृदय की गति असामान्य ढंग से चलना, कभी तेज तो कभी कम हो जाना । इस रोग के लक्षण का पता लगाने के लिए ईसीजी या जेनेटिक परिक्षण किया जाता है।
प्रभावित लोग-
इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित युवा वर्ग है। इसके अलावा महिलाओं के अलावा पुरूष इससे अधिक प्रभावित होते हैं। और आनुवांशिक होने के कारण इसका खतरा शिशुओं में भी बढ़ जाता है।