प्रदेश अध्यक्षों को नरेंद्र मोदी सौंपेंगे अटल जी का अस्थि कलश, देशभर में होंगी सभाएँ
अटल जी इस सदी के महान नेता, कवि और एक बेहतरीन व्यक्ति थे। अब वो हमारे बीच में नहीं है। अटल जी पंचतत्व में विलीन हो चुके हैं। अटल की की अस्थियों को गंगा में भी विसर्जित किया जा चुका है। लेकिन उनके अस्थियों के कई अन्य कलश भी हैं। भाजपा पूरे देश में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा निकालने की तैयारी में है। इसी के चलते नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को अशोक रोड पर स्थित भाजपा मुख्यालय में सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को अटल जी का अस्थि कलश सौपेंगे।
19 अगस्त को हरिद्वार में किया गया था अस्थि विसर्जन:
आपकी जानकारी के लिए बता दें अस्थि कलश यात्रा के साथ पूरे देश में श्रद्धांजलि सभाएँ भी की जाएँगी। अटल जी की अस्थियों को 19 अगस्त को ही हरिद्वार गंगा नदी में प्रवाहित किया गया था। अटल जी की दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य ने उनकी अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया था। उस समय नमिता के साथ उनकी बेटी नम्रता, अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदत्यनाथ भी मौजूद थे।
अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में किसी को बताने की ज़रूरत नहीं है। अटल जी एक कमाल के व्यक्तित्व के धनी थे। ये ऐसे थे कि जो भी इनसे एक बार मिलता था, वह इन्ही का हो जाता था। विरोधी भी इनके व्यक्तित्व के क़ायल थे। यही वजह थी कि विरोधी भी इनका भाषण बड़े ध्यान से सुनते थे। अटल जी लम्बी बीमारी की वजह से 16 अगस्त 2018 को इस दुनिया को अलविदा कहकर हमेशा के लिए चले गए। उनकी कमी देश को खलेगी। लेकिन अटल जी ने अपने कामों के ज़रिए जनता के दिल में अपने लिए एक ख़ास जगह बना ली है।
20 दिनों तक की जाएँगी पूरे देश में प्रार्थना सभाएँ:
बताया जा रहा है कि अटल जी की अस्थियों को बड़े स्तर पर प्रवाहित करने का प्लान है। भाजपा प्रवक्ता भूपेन्द्र यादव ने बताया था कि अटल जी की अस्थियों को देश की 100 नदियों में प्रवाहित किया जाएगा। इसके साथ ही देश के सभी राज्यों में 20 दिनों तक प्रार्थना सभाएँ की जाएँगी। दिल्ली में 20 अगस्त को इंदिरा गांधी स्टेडियम में प्रार्थना सभा रखी गयी थी। जबकि 23 अगस्त को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया है। अटल जी को श्रद्धांजलि देने के लिए देश के सभी बड़े-छोटे नेता शामिल हुए थे।
अटल जी के एक फ़ैसले से रातोंरात मुख्यमंत्री बने थे नरेंद्र मोदी:
अटल जी की मौत के बाद जब उनकी अंतिम यात्रा का आयोजन किया गया था, उसमें नरेंद्र मोदी भाजपा मुख्यालय से स्मृति स्थल तक पाँच किलोमीटर तक पैदल चलकर गए थे। उनके साथ ही अमित शाह, राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह चौहान सहित कई वरिष्ठ भाजपा नेता भी शामिल हुए थे। बताया जाता है कि नरेंद्र मोदी का अटल जी से काफ़ी गहरा रिश्ता था। अटल जी ही वो व्यक्ति थे, जिसके एक फ़ैसले से नरेंद्र मोदी रातोंरात गुजरात के मुख्यमंत्री बन गए थे। अटल बिहारी वाजपेयी के जानें के बाद सबसे ज़्यादा दुःख नरेंद्र मोदी को ही है।