करंट लगने पर फौरन फॉलो करनी चाहिए ये 4 टिप्स, इनसे बच सकती है पीड़ित की जान
बिजली का झटका कभी भी किसी को लग सकता है। यह एक ऐसा झटका होता है, जिसके लगने के बाद कुछ दिन या कुछ पल के लिए पीड़ित के सोचने समझने की शक्ति खत्म हो जाती है। इतना ही नहीं, पीड़ित के पास मौजूद लोग भी इतने हड़बड़ी में हो जाते हैं कि उन्हेंं भी समझ नहीं आता है कि क्या करना चाहिए या क्या नहीं। यूं तो बिजली का झटका लगने के बाद डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, लेकिन कई बार डॉक्टर के पास पहुंचने में भी काफी समय लग जाता है, जिसकी वजह यह जानना ज़रूरी है कि डॉक्टर के पास ले जाने तक पीड़िता को किस तरह का इलाज दे सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
अगर आपके पास भी किसी को बिजली का झटका लग जाए, तो आपको आनन फानन में कोई कदम नहीं उठाना है, बल्कि कुछ टिप्स अपनाकर आप पीड़ित को थोड़ा राहत दे सकते हैं। दरअसल, कई बार डॉक्टर को आने में समय लग जाता है, जिसकी वजह से पीड़ित की हालत और भी ज्यादा बिगड़ सकती हैं, ऐसे में डॉक्टर के पास जाने या आने तक के बीच में कुछ टिप्स आजमाने चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि वो कौन से टिप्स हैं, जिनसे आप पीड़िता की मदद कर सकते हैं।
लोहे और पानी को हटाएं
करंट लगे हुए व्यक्ति की मदद करने के लिए आगे जाने से पहले ही आप यह सुनिश्चित कर लें कि आसपास लोहा या पानी तो नहीं है। अगर लोहा या पानी हुआ, तो उसे फौरन हटाएं, उसके बाद ही पीड़ित की मदद करने के लिए आगे जाएं, वरना आपको भी करंट लग सकता है, जिससे परेशानियां कम होने के बजाय बढ़ सकती हैं।
मुंह से सांस दें
अगर आपके आसपास किसी व्यक्ति को कंरट लगा है और वो बेहोश हो गया है, लेकिन एबुलेंस आने में देरी हो रही है, तो आप बेहोश व्यक्ति को मुंह से सांस देते रहे हैं। ऐसा करने से उस व्यक्ति के अंदर ऑक्सीजन की सप्लाई बनी रहेगी। इतना ही नहीं, उसके सीने को भी बार बार दबाते रहे, ताकि उसकी दिल की धड़कने सही मात्रा में चलती रहें।
कंबल से न ढके
कई बार देखा जाता है कि कंरट लगने पर लोग पीड़ित को कंबल से ढकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए, बल्कि अगर पीड़ित बेहोश है और सांसे ले रहा है, तो उसके ऊपर पानी का छिड़काव करना चाहिए। इसके अलावा पीड़ित को अगर ब्लीडिंग हो रही है, तो ब्लीडिंग रोकने के लिए साफ और सूती कपड़े का इस्तेमाल करें।
तुंरत खाने पीने की चीज न दें
अक्सर देखा जाता है कि करंट लगने के बाद जब मरीज होश में आता है, तो उसे लोग खाने पीने की चीजें देने लगते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए, बल्कि उसके घांव पर मरहम लगाने की कोशिश करें। और उसे अच्छा फील कराने की भी कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि कई बार करंट फोबिया का रूप ले लेता है, जिससे इंसान जिंदगी भर नहीं उभर पाता है, ऐसे में उसके साथ नॉर्मल पेश आना चाहिए।