इस एक इंसान के जन्म से होगा कलयुग का अंत, धर्म ग्रंथ में भी लिखी है ये बात
हिंदू धर्म के अनुसार बहुत सी धार्मिक पुस्तकें हैं जिनमें जन्म व मृत्यु से जुड़ी सभी बातें स्पष्ट रूप से बताई गई है। उन धर्म ग्रंथों में ऐसा बताया जाता है कि इस दुनिया में चार युग है जिसके अनुसार यह दुनिया विचरण करती है। वेदों के अनुसार चार युग बताये गये है सतयुग त्रेतायुग द्वापरयुग और सबसे अंत में कलयुग आता है जिसमें आज हम जी रहे हैं वह है कलयुग। ऐसा माना जाता है कि कलयुग में एक आत्मा का जन्म 45 बार होता है और उसकी उम्र 100 साल तक की होगी । क्या आप जानते हैं एक आत्मा किस युग में कितनी बार जन्म लेती है। आज हम आपको बताने वाले हैं कि कलयुग का अंत किस तरह से होगा और किस तरह से होगा इसका पुनर्जन्म। कहते हैं तुरंत हमें हमारे युग से जुड़ी हर बात का वृतांत स्पष्ट रुप से किया गया है जिसके अनुसार ही हर युग में उसके कर्म और प्रभाव होते हैं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कैसे होगा कलयुग कब और कैसे होगी नई शुरुआत।
महर्षि व्यास जी के अनुसार सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, कलयुग ये चार युग हैं, जो देवताओ के बारह हज़ार दिव्य वर्षो के बराबर होते हैंI समस्त चतुर्युग एक से ही होते हैंI आरम्भ सत्ययुग से होता है अंत में कलयुग होता हैI किसी भी जन्म में अपनी आज़ादी से किये गये कर्मों के मुताबिक आत्मा अगला शरीर धारण करती है। हिन्दू धर्म के सर्वोच्च ग्रन्थ हैं, जो पूर्णत: अपरिवर्तनीय हैं, अर्थात् किसी भी युग में इनमे कोई बदलाव नही किया जा सकता।
ब्रह्माजी क्रत्युग में जिस प्रकार सृष्टि का आरम्भ करते हैं, वैसे ही कलयुग में उसका उपसंहार करते हैंI सतयुग, द्वापरयुग, कलयुग हर युग में कोई न कोई भगवान जन्म जरूर लेते है। ग्रंथों में ऐसा भी बताया गया है कि इस कलयुग में भी भगवान का अवतार होगा लेकिन उससे पहले धरती पर पाप का घड़ा भर जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि कलयुग की उम्र 432000 साल की है तब तक धरती पर पाप दिन-ब-दिन बढ़ता ही जाएगा। और अंत में होगा भगवान का अवतार कल्कि रूप में।
ग्रंथों में बताया गया है कि भगवान कल्कि रूप में अवतार लेंगे और धरती पर से पाप का विनाश करेंगे जिस तरह से उन्होंने पाप का विनाश द्वापर युग में किया था। कलयुग के चरम सीमा पर धरती का विनाश हो जायेगा। उसी के बाद होगा दोबारा से सतयुग का आरंभ जिसने फिर से भगवान प्रकट होंगे और उसी युग में सतयुग की लीला भगवान द्वारा दोबारा से रची जाएगी। ग्रंथो में इस बात का पूरा व्रतांत दिया गया है।
ग्रंथों में यह भी बताया गया है कि भगवान कल्कि केवल तीन दिनों में पृथ्वी से समस्त अधर्मियों का नाश कर देंगे। माना जाता है कि कलियुग में अंतिम समय में बहुत मोटी धारा से लगातार वर्षा होगी, जिससे चारों ओर पानी ही पानी हो जाएगा। समस्त पृथ्वी पर जल हो जाएगा और प्राणियों का अंत हो जाएगा। इसके बाद एक साथ बारह सूर्य उदय होंगे और उनके तेज से पृथ्वी सूख जाएगी।