जानिए आख़िर क्यों पूजा-पाठ के दौरान चढ़ाए जाते हैं देवी-देवताओं को फूल
यह बात तो आप अच्छी तरह से जानते हैं कि हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा का कितना ज़्यादा महत्व है। ऐसा माना जाता है कि देवी-देवताओं की पूजा-पाठ से मन को शांति मिलती है साथ ही देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी मिलता है। देवी -देवताओं के आशीर्वाद से किसी भी व्यक्ति का जीवन हमेशा के लिए बदल सकता है। जिसके ऊपर देवी-देवताओं की कृपा होती है, उसके जीवन में कोई भी परेशानी नहीं आती है।
लोग अपने जीवन की परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। केवल हिंदू धर्म में ही नहीं बल्कि हर धर्म में लोग अपने इष्टदेव की उपासना करते हैं। ईसाई धर्म में लोग ईसू की पूजा करते हैं, वहीं इस्लाम में लोग मुहम्मद साहब की अपने धर्म के हिसाब से पूजा करते हैं। पूजा पाठ करने से उन्हें भी आत्मिक शक्ति मिलती है, साथ ही सही रास्ते पर चलने की सीख भी मिलती है। कहा जाता है कि पूजा-पाठ करने वाला बुराई के रास्ते से दूर रहता है।
कभी सोचा है क्यों चढ़ाया जाता है पूजा के दौरान फूल:
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार 33 करोड़ देवी-देवता हैं। लोग अपने-अपने हिसाब से अलग-अलग देवी देवताओं की पूजा करते हैं। भारत के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। यह बात तो आप भी जानते हैं कि किसी के लिए भी सभी-देवी देवताओं की पूजा कर पाना सम्भव नहीं है। अगर आप भी पूजा करते हैं तो आपको यह पता होगा कि पूजा करते समय देवी-देवताओं को फूल-माला चढ़ाया जाता है। क्या आपने कभी यह सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है?
फूल चढ़ाने से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं देवी-देवता:
ज़्यादातर लोगों का कहना है कि सदियों से लोग देवी-देवताओं की पूजा करते समय फूल-माला चढ़ाते हैं, इसीलिए वो भी चढ़ा देते हैं। बहुत कम लोग ही हैं, जिन्हें सच में पता है कि क्यों देवी-देवताओं को फूल चढ़ाया जाता है। अगर आपको भी नहीं पता है कि क्यों देवी-देवताओं को फूल चढ़ाया जाता है तो आज हम आपको बताते हैं इसकी असली वजह। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार पुष्प चढ़ाने से देवी-देवता बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। इसी वजह से उन्हें पूजा करते समय फूल चढ़ाया जाता है।
होता है सकारात्मक ऊर्जा का संचार:
किसी भी धार्मिक कार्य के दौरान फूल का बहुत ज़्यादा महत्व होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार बिना फूल के कोई भी पूजा असफल हो जाती है। जानकारी के अनुसार देवी-देवता रत्न, जवाहरात, व्रत, तपस्या, द्रव्य से उतने ख़ुश नहीं होते हैं, जितना केवल फूल चढ़ाने से हो जाते हैं। इसी वजह से किसी भी धार्मिक कार्य में फूलों को ज़्यादा महत्व दिया गया है। इसके अलावा धार्मिक कार्यों के दौरान भगवान को फूल अर्पित करने से आत्मिक शांति की अनुभूति भी होती है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा इससे आस-पास का माहौल भी सुगंधित रहता है।