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शिक्षा से लेकर टेक तक पूर्व पीएम हमेशा रहे थे अटल, जानिए इनके कुछ लाजवाब फैसले
भारतीय राजनीति के कद्दावर और बीजेपी के उदारवादी नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी अंतिम सांस दिल्ली के एम्स में आज शाम करीब 05:05 बजे ली । पिछले कई दिनों से हालत गंभीर हो गई थी और वे 11 जून से एम्स में भर्ती थे। बुधवार से उनकी हालत नाजुक होती चली गई और अंततः गुरूवार को निधन हो गया।
बुधवार शाम यानि 15 अगस्त से ही उनकी हालत नाजुक थी जिसके चलते प्रधानमंत्री से लेकर अन्य कई बड़े नेता उनसे मिलने पहुँचे थे। अटल बिहारी वाजपेयी के जाने से देश के एक महान शख्सियत का अंत हुआ है। या यूँ कहें कि देश को अटलजी के जाने से भारी क्षति हुई है। अटलजी देश के तीन बार प्रधानमंत्री रहे और देश के लिए कई बड़े कार्य किए जिससे कि सामाजिक और आर्थिक जीवन में सुधार हुआ। तो आइए जानते अटल बिहारी वाजपेयी के वो बड़े फैसले जिससे भारत की तकदीर का कायापलट हो गया।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना- 25 दिसंबर सन् 2000 को शुरू की गई यह योजना अटल सरकार की सबसे बड़ी सफलताओं में गिना जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पहाड़ी इलाकों में 500 की आबादी और रेगिस्तानी क्षेत्रों में 250 की आबादी वाले गाँवों को मुख्य सड़कों से जोड़ना था। जिससे गाँव गाँव तक पहुँचना आसान हो पाया। और देश के दूर दराज के गाँव शहरों से जुड़ पाए जिससे की देश के गाँवो की सामाजिक हालत में सुधार आया और गांव के लोग सीधे शहर तक पहुँच सके। इससे देश की आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आई।
- सवर्णिम चतुर्भुज सड़क योजना- इस योजना के तहत देश के चार महानगरों को जोड़ा गया जिसमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई शामिल हैं। यह एक ऐसी सड़क योजना थी जो कृषि, सांस्कृतिक और औद्योगिक नगरी को एक साथ जोड़ता है। इस हाइवे कनेक्ट प्रोजेक्ट में कई बड़े शहर जैसे- अहमदाबाद, जयपुर, कानपुर, बैंगलोर आदि जुड़ते हैं।
- सर्व शिक्षा अभियान- अटल सरकार में यह एक प्रमुख योजना थी। जिसकी शुरूआत 2000-01 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी। इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य प्राथमिक शिक्षा में 2010 तक सार्वभौमिकरण प्राप्त करना था। इसके उद्देश्य को इस प्रकार से भी समझा जा सकता है कि बेहतर जीवन के लिए शिक्षा को बल देते हुए संतोषजनक एवं गुणवत्ता वाले प्रारंभिक शिक्षा पर ध्यान देना । माना जाता है कि इस योजना के चलने के साथ ही स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई थी। इस योजना का टैग लाइन “सब पढ़े सब बढ़ें” है।
- टेलिकॉम रिवाल्यूशन- 1999 में वाजपेयी सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर में एक नई क्रांति की शुरूआत की। इसके तहत तय लाइसेंस फीस हटाकर रेवेन्यू शेयरिंग अर्थात टेलीकॉम सेक्टर को कहा गया कि वे राजस्व में अपना साझाकरण करें। इसके बाद सन् 2000 में BSNL का गठन भी हुआ और आम जनता तक मोबाइल की पहुँच आसान हुई।
- नीजिकरण- इस फैसले को लेकर अटल सरकार की कड़ी आलोचना हुई । अटल बिहारी वाजपेयी उद्योग के मामले में सरकार की भूमिका कम करना चाहते थे और ऐसे में उन्होंने कई नए विनिवेश का गठन भी किया।