अटल बिहारी बाजपेई द्वारा कही गई ये 10 बातें, उन्हें एक अच्छा नेता बनाती थी
16 अगस्त यानि एक ऐसा दिन जब भारत ने अपने एक रत्न को खो दिया और देश में दुख की लहर दौड़ गई. देश ने एक ऐसा नेता खो दिया जिसने भारत को अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था और अपना हर पल देश के हित में लगा दिया था. जी हां हम बात पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की कर रहे हैं जिनका निधन 16 अगस्त की शाम 5 बजे के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में हुआ है. देश ने एक ऐसे लीडर को खो दिया जिसने ना सिर्फ एक राजनीतिज्ञ बल्कि एक पत्रकार और एक कवि के तौर पर भी अपनी छवि को छोड़ा है. 94 साल की उम्र में अटल जी का निधन भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है, जिसमें पीएम मोदी भी बहुत ज्यादा दुखी हैं. अगर आपने अटल जी की राजनीति देखी है तो उनके हर भाषण को भी सुना होगा. अटल बिहारी बाजपेई द्वारा कही गई ये 10 बातें, हर भारतीय को गर्व से भर देगी.
अटल बिहारी बाजपेई द्वारा कही गई ये 10 बातें
25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर में जन्में अटल जी की अपनी ही छवि रही है. उन्हें ना सिर्फ सीनियर सिटीजन अच्छा मानते हैं बल्कि कम उम्र के नौजवान भी उनके निधन से दुखी हैं. तो चलिए बताते हैं कि अटल जी ने ऐसी कौन सी 10 बड़ी बातों को कहा था ?
1. आप अपने मित्र बदल सकते हैं लेकिन अपने पड़ोसी कभी नहीं.
2. गरीबी बहुआयामी है. यह हमारी कमाई के साथ-साथ हमारे स्वास्थ्य, राजनीतिक भागीदारी, हमारी संस्कृति और सामाजिक संगठन की उन्नति को प्रभावित करती है.
3. शीत युद्ध के बाद आये उत्साह में एक गलत धारणा बन गई है कि संयुक्त राष्ट्र कहीं भी कोई भी समस्या को हल कर सकता है.
4. किसी भी मुल्क को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक साझेदारी का हिस्सा होने का ढ़ोंग नहीं करना चाहिये जबकि वह देश आतंकवाद को बढ़ाने, उकसाने और प्रायोजित करने में लगा हुआ हो.
5. हमारे परमाणु हथियार विशुद्ध रूप से किसी विरोधी देश के परमाणु हमले को हतोत्साहित करने वाले हैं.
6. जो लोग हमसे पूछते हैं कि हम कब पाकिस्तान से वार्ता करेंगे वो शायद ये नहीं जानते कि पिछले 55 सालों में पाकिस्तान से बातचीत करने के सभी प्रयत्न भारत की तरफ से ही होते आए हैं.
7. आज वैश्विक निर्भरता का अर्थ यह है कि विकासशील देशों में आई आर्थिक आपदाएं विकसित देशों में संकट ला सकती हैं.
8. भारत में भारी जनभावना थी कि पाकिस्तान के साथ तब तक कोई सार्थक बातचीत नहीं हो सकती है जब तक कि वो आतंकवाद का प्रयोग अपनी विदेश नीति के एक साधन के रूप में करना नहीं छोड़ देता है.
9. अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की वास्तविकता यह है कि यू एन जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन उतने ही कारगर हो सकते हैं जितना कि उनके सदस्य उन्हें होने की अनुमति दें.
10. हमें विश्वास है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और बाकी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अपने प्रभाव को इस्तेमाल कर पाकिस्तान के भारत के विरुद्ध सीमा पार आतंकवाद को स्थायी और पारदर्शी रूप से खत्म कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं.