पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबियत नाज़ुक, रखे गए लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम पर
भारत रत्न और भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में किसी को बताने की ज़रूरत नहीं है। ये तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रह चुके हैं और इन्होंने ही पोखरण में भारत का पहला परमाणु परीक्षण करवाया था। इन्हें लोग दमदार प्रधानमंत्री के तौर पर जानते हैं। देर रात एम्स ने बुलेटिन जारी करके अटल बिहारी वाजपेयी की तबियत के बारे में जानकारी दी। बुलेटिन में कहा गया कि अटल बिहारी वाजपेयी की तबियत पिछले 24 घंटे में बहुत ज़्यादा ख़राब हो गयी है, इसलिए उन्हें लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है।
पीएम मोदी बुधवार की शाम को गए थे एम्स:
जानकारी के अनुसार एम्स रात के 11 बजे तक बुलेटिन जारी कर सकता है। गुरुवार सुबह से ही लोगों के एम्स में आने का सिलसिला शुरू हो गया है। लोग आकर अटल बिहारी की तबियत का जायज़ ले रहे हैं। भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू सुबह 6:30 बजे ही एम्स पहुँच गए। वो कुछ समय तक वहाँ रहे, उसके बाद वापस चले गए। लगभग नौ बजे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी एम्स पहुँचे थे। आपको बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार की शाम को ही एम्स गए थे। वहाँ उन्होंने डॉक्टरों से अटल बिहारी वाजपेयी की तबियत का जायज़ लिया था।
लगातार 9 साल से बीमार हैं अटल बिहारी वाजपेयी:
आपको बटे दें अटल बिहारी वाजपेयी को यरिं इन्फ़ेक्शन की वजह से 11 जून को ही एम्स में भर्ती करवाया गया था। उसके बाद से कई बार उनकी तबियत में सुधार हुआ और कई बार तबियत बिगड़ी भी। अटल बिहारी वाजपेयी पिछले 9 साल से लगातार बीमार चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि इनकी हालत इस समय बहुत ज़्यादा ख़राब है और कुछ भी हो सकता है। पीएम मोदी से पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, भी उनसे मिलने एम्स पहुँची थी। इसके बाद पीयूष गोयल, सुरेश प्रभु, हर्षवर्धन, जितेंद्र सिंह और अश्विनी चौबे भी एम्स गए थे।
साँस लेने में हो रही थी बहुत ज़्यादा दिक़्क़त:
15 अगस्त के दिन 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया था। उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे का हल निकालते समय हम अटल जी के नज़रिए पर चलेंगे। अटल जी का नज़रिया इंसानियत, कश्मीरियत, जम्हूरियत पर आधारित था। जानकारी के अनुसार 2009 में अटल बिहारी की तबियत बिगड़ गयी थी। उन्हें साँस लेने में काफ़ी दिक़्क़त हो रही थी, इस वजह से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। जब वो ठीक हो गए थे तो उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी। इसके बाद जानकारी मिली की अटल बिहारी वाजपेयी लक़वे के शिकार हैं।
तीन बार रहे भारत के प्रधानमंत्री:
इसी वजह से वो किसी से बात भी नहीं करते हैं। बाद में उन्हें स्मृति लोप भी हो गया। उन्होंने धीरे-धीरे लोगों को पहचानना भी बंद कर दिया। अटल बिहारी वाजपेयी सबसे पहले 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री 1996 में बने थे। बहुमत साबित ना कर पानें की वजह से उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा था। बाद में दूसरी बार 1998 में वो प्रधानमंत्री बने। सहयोगी पार्टियों ने समर्थन वापस ले लिया इस वजह से 13 महीने बाद 1999 में फिर से आम चुनाव हुए। इसके बाद 13 अक्टूबर 1999 को वो तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। इस बार उन्होंने अपना पाँच साल का कार्यकाल भी पूरा किया।