Breaking news

APP के साथ खत्म हुआ आशुतोष राजनीतिक करियर, जानिये कैसा रहा इनका पॉलिटिकल सफर?

आशुतोष का राजनीतिक सफर आम आदमी पार्टी के साथ खत्म हो गया है। आज आशुतोष ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पत्रकारिता की दुनिया से राजनीति में आने वाले आशुतोष ने कहा कि आम आदमी पार्टी छोड़ने का निर्णय पूर्णतः निजी है, पार्टी का शुक्रिया और साथ देने वालों का भी शुक्रिया। इन्हीं लफ्जों के साथ आशुतोष ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। तो आइए जानते हैं आशुतोष से जुड़ी खास बातें।

आशुतोष से जुड़ी खास बातें-

  • 1965 में जन्में आशुतोष मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हैं, उनकी स्नातक की शिक्षा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हुई। दर्शनशास्त्र में परास्नातक की पढ़ाई जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से की तथा जेएनयू से ही एमफिल की डीग्री भी हासिल की।
  • इसके बाद पत्रकारिता की दुनिया में  कदम  रखने वाले आशुतोष ने न्यूज चैनल आज तक के साथ लंबे समय तक काम किया। इसके  बाद आईबीएन नेटवर्क तथा टीवी  18 समूह के साथ बहुत दिनों तक काम किया। 2014 तक पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय रहने वाले आशुतोष ने अपना राजनीतिक सफर आम आदमी पार्टी के साथ शुरू किया जो चार साल तक चला।
  • आशुतोष आम आदमी पार्टी के  कद्दावर नेताओं में से थे। गौरतलब है  कि बड़े बड़े नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद भी आशुतोष सबसे  अधिक समय तक पार्टी के  साथ जुड़े रहे।
  • 2014 के लोकसभा चुनाव में आशुतोष ने पार्टी के  टिकट से चाँदनी चौक लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ा, हालाँकि उन्हें बीजेपी के हर्षवर्धन के सामने हार का सामना करना पड़ा था।
  • बताया यह भी जा रहा है कि राज्यसभा के लिए उनके नाम पर विचार नहीं किए जाने से आशुतोष पार्टी से नाराज चल रहे थे। इसलिए पिछले कई दिनों से  आशुतोष की पार्टी में सक्रियता भी कम हो गई थी। हालांकि कहा जा रहा है कि आशुतोष का इस्तीफा पार्टी द्वारा स्वीकार नहीं किया गया है।
  • कई वर्षों तक पत्रकारिता में  रहने वाले आशुतोष के बारे में चर्चाएँ  हैं कि वे पुनः पत्रकारिता में लौट सकते हैं।

पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा हेै कि कैसे हम आपके  इस्तीफे को स्वीकार कर सकते हैं, ना इस जनम में तो बिलकुल भी नहीं । आगे उन्होंने लिखा है कि आशुतोष सर हम आपको बहुत प्यार करते हैं।

पार्टी के बड़े नेता संजय सिंह ने कहा है कि जीवन में एक सच्चे साथी के रूप में आशुतोष से मेरा नाता पूरे जीवन भर रहेगा।

वहीं पार्टी के सक्रिय गतिविधियों  से अलग चल रहे कुमार विश्वास ने  पार्टी हाईकमान पर तंज कसते हुए कहा है कि हर प्रतिभासंपन्न षडयंत्रपूर्वक निर्मम राजनैतिक हत्या के बाद एक आत्ममुग्ध असुरक्षित और उसके बौने और उसके सत्ता पालित 2G धन लाभित चिंटुओं को एक और आत्मसमर्पित कुरबानी।

Back to top button