भारत द्वारा खोजी गयी ये 5 चीज़ें आज इस्तेमाल कर रही है पूरी दुनिया, पहली चीज़ है सभी की पसंद
आज भारत को आज़ाद हुए 71 साल पूरे हो गए हैं। भारत पूरी दुनिया में अपनी विविधता की वजह से जाना जाता है। इसके साथ ही भारत को लोग यहाँ की संस्कृति और परम्परा के लिए भी जानते हैं। भारत कई मामलों में पूरी दुनिया में सबसे आगे हैं। जैसे अगर दिमाग़ की बात की जाए तो भारतियों का दिमाग़ पूरी दुनिया में सबसे बेहतर दिमाग़ होता है। भारत आज भी कई देशों से साक्षरता के मामले में काफ़ी पीछे है, लेकिन कई मामलों में भारत दुनिया के कई देशों से बहुत आगे है। भारत की चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में आज भी सबसे आगे बना हुआ है।
भारत आज दुनिया की सबसे तेज़ी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है और सबसे तेज़ी से विकास करने वाले देशों में भी भारत सबसे आगे है। भारत ने दुनिया को कई चीज़ें दी हैं, जिसकी वजह से दुनिया के कई काम आसान हुए हैं। भारत ने ही पूरी दुनिया को ज़ीरो दिया है। पटना (पाटलिपुत्र) में जन्में आर्यभट्ट ने 5वीं शताब्दी में ज़ीरो की खोज की और उन्होंने ही सबसे पहले बताया कि भारत अपनी धुरी पर घूमते हुए सूर्य का चक्कर लगाता है और चाँद पृथ्वी का उपग्रह है जो पृथ्वी का चक्कर लगाता है। आज स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर हम आपको 5 ऐसी चीज़ों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे दुनिया को भारत ने दिया है।
ये चीज़ें भारत ने दी है पूरी दुनिया को:
*- शैंपू:
कई लोगों का यह मानना है कि सबसे पहले शैंपू का इस्तेमाल मिश्र सभ्यता में होता था। लेकिन सही बात तो यह है कि शैंपू का इस्तेमाल सबसे पहले 15वीं शताब्दी में भारत में किया जाता था। भारत में उस समय कई सौंदर्य प्रसाधन बनाए गए थे। उस समय बाल धोने के लिए फलों के गूदे का इस्तेमाल किया जाता था। इसमें कई जड़ी-बूटी भी मिलायी जाती थी। अंग्रेज़ों ने इस नुस्ख़े को यूरोप और इंग्लैंड पहुँचाया, उसके बाद पूरी दुनिया में शैंपू सामने आया।
*- रेडियो ब्रॉडकास्ट:
इंजीनियर, खोजकर्ता और नोबल पुरस्कार विजेता मर्कोनी को पूरी दुनिया रेडियो के जनक के रूप में जानती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु ने सबसे पहले मिलिमीटर रेंज रेडियो तरंग माइक्रोवेव्स का इस्तेमाल बारूद सुलगाने और घंटी बजाने के लिए किया था। इसी माइक्रोवेव्स के ज़रिए वायरलेस रेडियो ब्रॉडकास्ट का अविष्कार किया गया।
*- फ़ाइबर ऑप्टिक्स:
आज पूरी दुनिया इंटरनेट की दीवानी है। बिना इसके आज के समय में कोई भी काम सम्भव नहीं है। लेकिन कम लोग ही जानते हैं कि इसका श्रेय भारत को ही जाता है। पंजाब के मोगा में जन्मे नरिंदर सिंह नागनी ने ही फ़ाइबर ऑप्टिक्स का अविष्कार किया था। इन्हें फ़ाइबर ऑप्टिक्स का जनकि कहा जाता है। 1960 में फ़ाइबर ऑप्टिक्स पर लिखा गया उनका लेख साइंटिफ़िक अमेरिकन में प्रकाशित किया गया था और इसी वजह से फ़ाइबर ऑप्टिक्स को स्थापित किया गया था।
*- शतरंज और साँप-सीढ़ी:
साँप-सीढ़ी आज पूरी दुनिया में खेला जाता है। इसके साथ ही शतरंज दिमाग़ के खेल के रूप में भी पूरी दुनिया में मशहूर है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी प्रतियोगिता भी होती है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इन दोनो खेलों की उत्पत्ति भारत में ही हुई थी। साँप सीढ़ी को पहले भारत में मोक्षपात के नाम से जाना जाता था। शतरंज का खेल आज से 1500 साल पुराना है। जानकारी के अनुसार भारत से यह खेल फ़ारस पहुँचा और वहाँ से अरब होते हुए यूरोप पहुँच गया।
*- यूएसबी पोर्ट:
आज पूरी दुनिया में लोकप्रिय यूएसबाई पोर्ट अविष्कार भारत में ही किया गया था। कम्प्यूटर वैज्ञानिक अजय भट्ट ने इसका अविष्कार किया था। इसी की मदद से सबहि इलेक्ट्रोनिक उपकरणों को जोड़ने में मदद मिलती है। 1990 के दशक में अजय भट्ट और इनकी टीम ने मिलकर इसपर काम शुरू किया था। इसी के लिए 2013 में भट्ट को यूरोपियन इंवेंटर अवार्ड से भी सम्मानित किया गया।