आज लगेगा 21वीं सदी का सबसे बड़ा और श्रापित चंद्रग्रहण, बुरे फल से बचने के लिए करें ये काम
27 जुलाई यानि शुक्रवार का दिन गुरुपूर्णिमा का है और इसी दिन रात में लगने वाला है चंद्रग्रहण. वो भी ऐसा वैसा नहीं सबसे बड़ा और भयानक चंद्रग्रहण जिसमें चंद्रम के ऊपर लगभग 4 घंटों तक पहला रहने वाला है. ये पूर्ण चंद्रग्रहण होगा जिसे भारत के अलावा कई दूसरे देशों में आसानी से देखा जा सकेगा. इस दिन प्राकृतिक आपदा आने क आशंका जताई जा रही है और हमारे हिंदू धर्म के अनुसार चंद्रग्रहण को ब्लड मून कहा जा रहा है यानि आज का चंद्रमा पूरी तरह से लाल दिखाई देने वाला है. चंद्रग्रहण के समय हो सके तो मोबाइल का इस्तेमल ना ही करें तो अच्छा है वरना लेने के देने पड़ सकते हैं. आज लगेगा 21वीं सदी का सबसे बड़ा और श्रापित चंद्रग्रहण, ऐसे में लोगों के अंदर बहुत सी जिज्ञासाएं हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए या क्या नहीं करना चाहिए.
आज लगेगा 21वीं सदी का सबसे बड़ा और श्रापित चंद्रग्रहण
ऐसा बताया जाता है कि चंद्रग्रहण तब लगता है जब सूर्य और पृथ्वी चंद्रमा के बीच आ जाते हैं. मगर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रमा भगवान पर राहू और की छाया पड़ जाती है. मगर ये सिर्फ मिथ्या ही मात्र है सच तो आज का विज्ञान है जो हमें दिखता है. खैर चलिए अब हम आपको बता दें कि चंद्रग्रहण के दौरान आपको क्या काम नहीं करने हैं.
1. धार्मिक मान्यता हैं की जब चंद्रग्रहण लगने के दौरान भोजन या कुछ भी खाना पीना नहीं चाहिए. अगर कोई इस दिन भोजन ग्रहण करता हैं वो पापी माना जाता हैं. ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले सूतक लगता है तो उस दौरान आपको खाने के सभी पदार्थों पर कुश या तुलसी के पत्ते डाल दें जिससे खाने की वस्तुएं दूषित ना हों और ग्रहण खत्म होने पर आप खा पी सकें. इसके अलावा बच्चे, बूढ़े और रोगियों को साढ़े चार घंटे पहले भोजन करा दें जिससे उन्हें चंद्रग्रहण के दौरान भूख ना लगे. तुलसी के पत्ते खाद्द पदार्थों के अलावा अलमारी, पूजा स्थल और रसोई में भी रख दें.
वैज्ञानिक शोध भी यह बात प्रमाणित हो चुकी है कि ग्रहण की अवधि में मनुष्य की पाचन शक्ति कमजोर पड़ जाती है। ऐसे में पेट में दूषित अन्न या पानी चला जाए तो बीमार होने की संभावना अधिक रहती है। इसलिए ग्रहण के समय भोजन करना और बनाना दोनों वर्जित है।
2. चंद्रग्रहण के दौरान सारा वातावरण दूषित हो जाता है ऐसा माना जाता है और तुलसी का इस्तेमाल करने पर वे चीजें दूषित नहीं होती हैं. ग्रहण पूरा होने के बाद आप इन पत्तों को उठा कर फेंक दे और गंगाजल से शुद्ध कर दें. ग्रहण के दिन आप स्नान करते समय किसी भी मंत्र का जाप ना करें और संभव हो सके तो आप इस दिन किसी नदी में स्नान करे. ग्रहण के समय किसी भी नुकीली चीज का प्रयोग ना करे. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को अपना खास ध्यान रखना चाहिए क्योंकि ग्रहण का असर होने वाले बच्चे पर पड़ सकता हैं.
3. ऐसा माना जाता हैं कि इसका प्रभाव 108 दिनों तक रहता हैं और सूतक काल को भी शुभ नहीं माना जाता हैं. इसलिए इसदिन गर्भवती महिलाए घर में रहकर इस मंत्र ”ॐ क्षीरपुत्राय विह्माहे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चंद्र प्रचोदयात” का जाप करना बेहतर होता है. इससे ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव महिला और शिशु पर नहीं पड़ता हैं या फिर आप नारियल भी अपने गोद में लेकर बैठ सकती हैं. ग्रहण लगने के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए.
4. . ग्रहण की अवधि में पति-पत्नी को भूलकर भी शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए। शास्त्रों में अनुसार ग्रहण अवधि में शारीरिक संबंध से कोई बच्चा पैदा होता है तो उसे जीवन भर परेशानी रहती है। यह परेशानी शारीरिक अथवा मानसिक या दोनों भी हो सकती है।
5. ग्रहण काल के दौरान बालों की सफाई, दांतों की सफाई आदि नहीं करना चाहिए। इसके अलावे ग्रहण काल में मल-मूत्र त्याग भी नहीं करना चाहिए।
6. ग्रहण की अवधि में गर्भवती महिला को ग्रहण की छाया से बचना चाहिए। क्योंकि ग्रहण की छाया गर्भ में पल रहे शिशु पर बुरा असर डालता है।
7. ग्रहण की अवधि में भगवान की पूजा करना वर्जित माना गया है। यही कारण है कि ग्रहण काल में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। ऐसे में देव-उपासना, देवता का दर्शन नहीं करना चाहिए।
8. ग्रहण जिस समय लगता है उस समय सोना नहीं चाहिए। लेकिन गर्भवती महिला, बीमार और वृद्ध व्यक्ति आराम कर सकते हैं।
9. ग्रहण के दौरान बाल या नाखून नहीं काटना या कटवाना चाहिए। ग्रहण की अवधि में सिलाई-कढ़ाई करना भी अशुभ माना जाता है। इसलिए ऐसे कार्यों से बचना चाहिए।
10. ग्रहण के दौरान किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान शुभ कार्य करने से काम में सफलता नहीं मिलती है। … ॐ ॐ ॐ …