रामचरित मानस की इस एक चौपाई के जाप से छूटेगा दुर्भाग्य से पीछा और होगी हर इच्छा पूरी
हिंदू धर्म में बचपन से ही लोगों को पूजा-पाठ करने की सलाह दी जाती है। पूजा पाठ करने से व्यक्ति के मन में अच्छे विचार तो आते ही हैं, साथ ही इससे देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। जो लोग पूजा-पाठ नहीं करते हैं, उनमें कई तरह की नकारात्मक भावनाएँ होती हैं। वो किसी भी चीज़ के बारे में सबसे ज़्यादा नकारात्मक विचार रखते हैं। कहा जाता है कि अपने मन में किसी भी चीज़ के प्रति ज़्यादा नकारात्मक विचार रखने से धीरे-धीरे सबकुछ उल्टा होने लगता है।
बुद्ध ने कहा है कि जो जैसा सोचता है, वैसा बन जाता है। यानी व्यक्ति अपनी सोच से ही बनता है। अगर हम अच्छी सोच रखेंगे तो अच्छे व्यक्ति बनेंगे और अगर बुरी सोच रखेंगे तो बुरे व्यक्ति बनेंगे। पूजा-पाठ करने से व्यक्ति की सोच अच्छी होती है। उसके मन में सभी के लिए दया भावना होती है। वह हर किसी के बारे में अच्छा सोचता है। यही वजह है कि जो लोग धार्मिक होते हैं, वह जल्दी बुरा काम करने से बचते हैं। नाम के लिए कई लोग पूजा-पाठ करते हैं, लेकिन पूजा-पाठ के नियमों का पालन नहीं करते हैं, ऐसे लोगों को ना ही भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है और ना ही उनके साथ कुछ अच्छा होता है।
हिंदू धर्म में कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। इन्ही में से एक हैं श्रीराम। श्रीराम को पुरुषोत्तम के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि ये सबहि पुरुषों में उत्तम हैं। इसी वजह से इनकी पूजा की जाती है। श्रीराम के ऊपर ही रमचरित मानस की रचना तुलसीदास ने की थी। हिंदू धर्म में इस ग्रंथ का बहुत ज़्यादा महत्व है। इसमें कई ऐसी ज्ञान की बातें लिखी गयी हैं, जिनका पालन करने पर व्यक्ति को जीवन के किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। इसके साथ ही व्यक्ति को ईश्वर का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा।
इस पृथ्वी पर जन्म लेने वाले हर एक इंसान की कोई ना कोई इच्छा होती है। कोई अपने जीवन में कुछ करने की तमन्ना रखता है तो कोई कुछ करने की चाहत रखता है। कुछ लोगों की इच्छाएँ पूरी भी हो जाती हैं, लेकिन कई लोगों की इच्छाएँ अधूरी रह जाती हैं। ऐसा दुर्भाग्य की वजह से भी होता है। ज्योतिषियों के अनुसार धार्मिक ग्रंथ रामचरित मानस में एक चौपाई है, जिसका जाप करने से व्यक्ति का दुर्भाग्य से पीछा छूट जाता है और उसकी सभी इच्छाएँ पूरी हो जाती हैं।
चौपाई:
भव भेषज रघुनाथ जसु सुनहिं जे नर अरु नारि।
तिन्ह कर सकल मनोरथ सिद्ध करहिं त्रिसिरारि।।
अर्थ:
श्री रघुवीर का यश जन्म-मरण रूपी रोग की अचूक दवा है। जो भी महिला या पुरुष इसे सुनेगा श्रीराम उसकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण कर देंगे।
इस तरह से करें चौपाई का जाप:
*- सुबह जागकर स्नान आदि करने के बाद साफ़ कपड़े पहने। इसके बाद एक लाल रंग का कपड़ा लेकर श्रीराम जी की मूर्ति या चित्रा स्थापित करें।
*- श्रीराम के मूर्ति या चित्र पर तिलक लगाएँ और चावल अर्पित करने के बाद शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएँ। दीपक में इतना घी डालें की वह जाप के अंत तक जलता रहे।
*- इसके बाद श्रीराम को भोग लगाएँ।
*- श्रीराम की पूजा करने के बाद तुलसी की माला के साथ इस चौपाई का सच्चे मन से जाप करें।
*- इस चौपाई का हर रोज़ कम से कम पाँच माला जाप करें। कुछ ही दिनों में चौपाई का प्रभाव दिखने लगेगा और आपके जीवन की सभी समस्याएँ भी हमेशा के लिए दूर हो जाएँगी।