कई हिट फ़िल्मों में काम करने के बाद भी फ़्लॉप रहा ये अभिनेता, है करण जौहर के बचपन का दोस्त
मुंबई: बॉलीवुड की चमक-धमक भारी दुनिया से जुड़ना तो हर कोई चाहता है। लेकिन ज़्यादा दिनों तक अपनी चमक को क़ायम नहीं रख पाता है। बॉलीवुड में कई ऐसे अभिनेता और अभिनेत्री आए और गए, जिनके बारे में आज कोई जानता भी नहीं है। इनमें से कुछ ने तो अपने शुरुआती समय में कई बेहतरीन फ़िल्मों में काम भी किया, उसके बाद भी ये फ़्लॉप ही रहे। ऐसे अभिनताओं और अभिनेत्रियों की बॉलीवुड में कोई कमी नहीं है। इनमें से तो कई बड़ी-बड़ी बॉलीवुड हस्तियों के दोस्त या बेटे भी रह चुके हैं।
इन कलाकारों का कैरियर ऐसा रहा कि इन्होंने एंट्री तो शानदार तरीक़े से की, लेकिन दर्शकों ने इन्हें बाद में नकार दिया। हालाँकि इन्हें बड़े अभिनेताओं की फ़िल्मों में साथ काम करने का मौक़ा मिला। इन्होंने उसकी वजह से थोड़ी पहचान बनायी, लेकिन लम्बी रेस के घोड़े साबित नहीं हो पाए। धीरे-धीरे इन्हें निर्माताओं और निर्देशकों ने मौक़े देने कम कर दिए और एक समय ऐसा आया कि इन्हें काम मिलना ही बंद हो गया। आज हम आपको एक ऐसे ही अभिनेता के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी शुरुआत तो अच्छी रही, लेकिन बॉलीवुड में अपनी पहचान नहीं बना पाया।
1983 में ही शुरू कर दिया था फ़िल्मों में काम करना:
जी हाँ हम बात कर रहे हैं, अभिनेता जुगल हंसराज की। जुगल हंसराज को शाहरुख़ खान स्टारर फ़िल्म मोहब्बतें में काम करने का मौक़ा मिला। इसके साथ ही इन्हें कई और फ़िल्मों और वीडियो में भी देखा गया। इसके बाद जुगल हंसराज कहाँ ग़ायब हो गए किसी को कुछ नहीं पता चला। आज हम आपको उनके जीवन के कुछ ऐसे तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में बहुत काम लोग ही जानते होंगे। आपको जानकर काफ़ी हैरानी होगी कि जुगल हंसराज ने फ़िल्मों में काम करना 1983 में ही शुरू कर दिया था।
जुगल को स्वीकार नहीं किया दर्शकों ने:
जुगल हंसराज को पहली बार बाल कलाकार के रूप में फ़िल्म मासूम में देखा गया था। इसके बाद साल 1986 में आइ फ़िल्म कर्मा और सुहागरात में भी जुगल ने अभिनय किया था। जुगल ने एक वयस्क अभिनेता के तौर पर अपनी फ़िल्मी पारी 1994 में आयी फ़िल्म ‘आ गले लग जा’ से की थी। जुगल हंसराज के पापा कहते हैं कि, जुगल ने मोहब्बतें, कभी ख़ुशी कभी ग़म, सलाम नमस्ते, आजा नचले जैसी फ़िल्मों में काम किया, लेकिन जुगल को दर्शकों ने स्वीकार नहीं किया।
आज गुमनामी के अंधेरे में खो गए हैं जुगल हंसराज:
जुगल के अंदर टैलेंट की कोई कमी नहीं है। कम ही लोग यह जानते हैं कि सुपरहिट फ़िल्म ‘कभी ख़ुशी कभी ग़म’ के टाइटल ट्रैक की 8 लाइनें जुगल हंसराज ने ही लिखी हैं। उन्होंने ना केवल लिखा बल्कि उसे कम्पोज़ भी किया था। यह बात भी बहुत कम लोग जानते हैं कि बॉलीवुड के मशहूर फ़िल्म निर्माता और निर्देशक करण जौहर जुगल हंसराज के बचपन के दोस्त हैं। एक करण हैं जो बॉलीवुड में कितना नाम कमा रहे हैं, वहीं जुगल गुमनामी के अंधेरे में खो गए हैं।