क्या आप जानते हैं भगवान शिव की पुत्रियाँ भी हैं, जानिए भगवान शिव की पुत्रियों के बारे में
हिंदू धर्म में कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन कुछ देवी-देवताओं की सबसे ज़्यादा पूजा होती है। इन्ही में से एक हैं भोलेनाथ यानी भगवान शिव। भगवान शिव के बारे में कहा जाता है कि ये अत्यंत ही भोले हैं, लेकिन जब इन्हें क्रोध आता है तो यह इस पूरी पृथ्वी का विनाश कर सकते हैं। भगवान शिव अपने भक्त की हर मनोकामना पूरी कर देते हैं। इन्हें देवों का देव महादेव भी कहा जाता है। यानी देवी-देवता भी इनकी पूजा करते हैं।
भगवान शिव की हैं तीन पुत्रियाँ:
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए आपको बहुत ज़्यादा मेहनत की ज़रूरत नहीं पड़ती है। भगवान शिव को केवल एक लोटे जल से भी ख़ुश किया जा सकता है। भगवान शिव के पुत्रों गणेश और कार्तिकेय के बारे में तो सभी लोग जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव की पुत्रियाँ भी हैं। जी हाँ आज हम आपको भगवान शिव की पुत्रियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही आप पहले से जानते हों। जानकारी के अनुसार भगवान शिव की तीन पुत्रियाँ हैं।
भगवान शिव की पुत्रियाँ:
*- अशोक सुंदरी:
भगवान शिव की पहली पुत्री का नाम अशोक सुंदरी है। अशोक सुंदरी के जन्म के बारे में पद्म पुराण में विस्तार से बताया गया है। अशोक सुंदरी का वर्णन गुजरात और कुछ पड़ोसी राज्यों की व्रतकथाओं में मिलता है। इन कथाओं के अनुसार, देवी अशोक सुंदरी को माता पार्वती की इच्छापूर्ति के लिए बनाया गया था। माता पार्वती का अकेलापन दूर करने के लिए इनका जन्म हुआ था। इन्होंने माता पार्वती को शोक से मुक्ति दिलाई थी, इसी वजह से इनका नाम अशोक रखा गया था। बहुत सुंदर होने की वजह से बाद में इन्हें अशोक सुंदरी के नाम से जाना गया। शिव पुराण के अनुसार अशोक सुंदरी का विवाह राजा नहुष से हुआ था। अशोक सुंदरी की सौ पुत्रियाँ थीं और सब की सब उन्ही की तरह ख़ूबसूरत थीं।
*- ज्योति:
प्रकाश रूपी हिंदू देवी ज्योति भी भगवान शिव और पार्वती की बेटी हैं। इनके जन्म के बारे में दो अलग-अलग कथाएँ हैं। पहली कथा के अनुसार भगवान शिव के प्रभामंडल से ज्योति का जन्म हुआ था और ये भगवान शिव की भौतिक अभिव्यक्ति हैं। दूसरी कथा के अनुसार ज्योति का जन्म देवी पार्वती के माथे के चिंगारी से हुआ है। ज्योति का जुड़ाव भाई कार्तिकेय से था। तमिलनाडु के कई मंदिरों में देवी ज्योति की पूजा की जाती है। भारत के कई हिस्सों में ज्योति देवी की पूजा देवी रेकी के रूप में की जाती है। उत्तर भारत में इनकी पूजा देवी जवालाईमुची के रूप में की जाती है।
*- मनसा:
मनसा देवी को भगवान शिव की तीसरी बेटी माना जाता है। इनका जन्म साँप के विष से इलाज करने के रूप में हुआ था। इनके जन्म के बारे में कहा जाता है कि जब भगवान शिव के वीर्य ने राक्षसी कदरु द्वारा बनाई गयी मूर्ति को छुआ था तब मनसा देवी का जन्म हुआ था। कई जगहों पर इनकी पूजा नागराज वासुकी की बहन के रूप में होती है। इनका एक प्रसिद्ध मंदिर हरिद्वार में स्थित है। सबसे ख़ास बात ये है कि मनसा देवी केवल भगवान शिव की पुत्री हैं, इनका माता पार्वती से कोई सम्बंध नहीं है।