बांग्लादेशी हिंदूओं पर फिर हमला – प्रदर्शनकारियों ने दिवाली पर 15 मंदिरों और घरों में की तोड़फोड़, बांग्लादेशी हिंदूओं में दहशत
नई दिल्ली: एक बार फिर बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमला हुआ है। ब्राहम्नबरिया के नसीरनगर इलाके में 15 मंदिर को तोड़ा गया, 100 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचाया गया और लूटपाट की गई। Attack on Bangladeshi Hindus.
बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक फेसबुक पर इस्लाम के खिलाफ टिप्पणी लिखने का इल्जाम लगाते हुए कुछ लोगों ने ये तोड़फोड़ की। दिवाली की दोपहर कई घंटे चली इस लूटपाट के लिए पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है। नसीरनगर और माधबपुर में पुलिस, आर्म्ड पुलिस बटालियन और रेपि़ड एक्शन बटालियन के अलावा बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को भी तैनात किया गया है।
प्रदर्शनकारी फेसबुक पोस्ट लिखने वाले को मौत की सजा देने की मांग कर रहे थे। करीब 150-200 लोगों ने पांच मंदिरों की सात-आठ मूर्तियां तोड़ दीं। इस दौरान दो लोग घायल हो गए और पुलिस ने छह लोगों को हिरासत में लिया है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर बड़े हमले –
हिन्दुओं पर बांग्लादेश में अकसर हमलें होते रहते हैं। बांग्लादेश में कई आतंकवादी संगठनों का कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से भी संपर्क पाया गया है। बांग्लादेश में पिछले कुछ सालों में कट्टरपंथियों ने कई ब्लागरों की हत्या कर दी है।
बांग्लादेश की अदालत ने कई 1971 के युद्ध अपराधियों के लिए कई कट्टरपंथियों मौत की सजा दी है। हाल ही में जून 2016 को चार हिंदू पुजारियों की हत्याएं हो चुकी हैं। अब तक इस्लामिक कट्टरपंथियों के हमले में 40 लोगों की मौत हो चुकी है। 2014 में हिंसा के चलते 2000 हिंदूओं को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। 2013 में बांग्लादेश में 50 मंदिरों और 1500 हिंदुओं के घर में तोड़फोड़ की गई थी।
बांग्लादेश में हिंदू की हालत –
आपको बता दें कि दुनिया में हिंदू आबादी वाले तीन सबसे बड़े देशों में बांग्लादेश आता है। बांग्लादेश में भारत और नेपाल के बाद हिंदू आबादी सबसे अधिक डेढ़ करोड़ है। 1947 बंटवारे के वक्त बांग्लादेश को पूर्वी पाकिस्तान कहा जाता था। उस समय पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) में हिंदू आबादी करीब 28 फीसदी थी। बांग्लादेश बनने के बाद पहली जनगणना 1981 में हिंदू आबादी सिर्फ 12 फीसदी रह गई है। 2011 में जो जनगणना हुई है उसके मुताबिक आबादी 9 फीसदी से भी कम रह गई है। 1947 के बाद से बांग्लादेश में करीब 30 लाख हिंदुओं की हत्याएं की गई।
इन आकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बंग्लादेश में हिन्दुओं कि हालत वाकई में काफी खराब है। जिनपर आजादी के बाद से बेइतंहा जुल्म ढांए जा रहे हैं।