बंगला विवाद पर अखिलेश ने तोड़ी चुप्पी, बोलें ‘मुझे मेरा मंदिर वापस करा दो’
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में अपना सरकारी बंगला खाली किया, लेकिन उस बंगले को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा ाहै। जी हां, अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकारी बंगले को तो खाली कर दिया, लेकिन विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इन सबके बीच अखिलेश यादव ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए योगी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। चलिए जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?
सुप्रीम कोर्ट ने मई में यूपी के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला खाली करने का आदेश दिया था, जिसके बाद से ही यह मुद्दा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। अब तक सभी पूर्व मुख्यमंत्री बंगला खाली न करने के बहाने बता रहे थे, लेकिन बाद में सभी ने बंगला खाली कर दिया। बात बंगला खाली तक तो ठीक था, लेकिन अखिलेश के बंगले में हुए तोड़फोड़ ने सबको हिला के रख दिया, ऐसे में अखिलेश पर भी सवाल खड़े किये जा रहे हैं।
विवाद पर बोले अखिलेश यादव
खबरों की माने तो अखिलेश यादव ने बंगले को पूरी तरह से तोड़फोड कर कई चीजों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं इन तमाम अटकलों को खारिज करते हुए अखिलेश ने कहा कि हमने इस बंगले में एक एक चीज लगवाई थी, अब जब बंगला ही नहीं रहा तो हम सारी चीजें भी अपनी लेकर जा रहे हैं, तो इससे पता नहीं लोगों को क्या दिक्कत हो रही है। अखिलेश ने अपनी बात को आगे रखते हुए कहा कि बीजेपी वाले सरकारी मिशनरी का पूरी तरह से फायदा उठा ऱहे हैं।
इस दौरान अखिलेश ने आगे कहा कि बंगले में एक मंदिर है, जोकि हमें लाने नहीं दिया जा रहा है। वो मंदिर हमने बनाया है, तो सरकार से हम कहना चाहते हैं कि हमे हमारा मंदिर वापस लाने दिया जाए। इसके अलावा राज्यपाल राम नाईक ने इस मामले में कार्रवाई करने के लिए राज्य की योगी सरकार से सिफारिश की है, वहीं जांच कराने की भी बात कही गई है, ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि आखिर यह मामला कहां तक बढ़ता है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि एक लैपटॉप की कीमत से ज्यादा टोंटी की कीमत नहीं है। वो बंगला उन्हें मुझे रहने के लिए मिला था, यही वजह है कि मैंने उसे अपने हिसाब से बनवाया था। इस दौरान बीजेपी पर आरोप लगाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि दो निर्दोष जिलाधिकारियों को सस्पेंड कर दिया, लेकिन आज भी पूरे यूपी में बड़े पैमाने पर ओवरलोडिंग हो रही है, गोरखपुर की हार बीजेपी बर्दाश्त नहीं कर पा रही है।