अध्यात्म

हनुमान जी अपने जीवन में एक ही युद्ध हारे थे, जानिये कैसे हनुमान जी हार गए थे युद्ध

नमस्कार दोस्तों आप सभी लोगों का हमारे लेख में स्वागत है आज हम आपको जिस कथा के विषय में जानकारी देने जा रहे हैं वह कथा है मच्छिंद्रनाथ जी और महाबली हनुमान जी के बारे में, एक समय की बात है मछिंद्रनाथ जी रामेश्वरम में आते हैं जब उन्होंने भगवान श्री राम जी द्वारा निर्माण किया हुआ सेतु देखा तो वह बहुत ही प्रसन्न हो गए और वह भगवान श्री राम जी की भक्ति में लीन होकर समुद्र में स्नान करने लग गए तभी वहां पर उपस्थित हनुमान जी जो एक बूढ़े वानर के रूप में वहां पर बैठे हुए थे उनकी नजर मछिंद्रनाथ पर पड़ जाती है हनुमान जी को इस बात का ज्ञान था कि मछिंद्रनाथ जी एक सिद्ध योगी है परंतु इसके बावजूद भी हनुमान जी ने मछिंद्रनाथ की शक्ति की परीक्षा लेने के लिए अपनी लीला आरंभ कर दी और अचानक से ही जोरदार वर्षा कर दी थी तब जो हनुमान जी बूढ़े वानर रूप में थे उन्होंने वर्षा से बचने के लिए एक पहाड़ पर प्रहार किया, प्रहार करने की वजह से वहां एक गुफा बन गई यह सब मछिंद्रनाथ जी देख रहे थे और तब उन्होंने बूढ़े वानर का रूप लिए हनुमान जी को कहते हैं तुम यह सब क्या कर रहे हो, यहां क्या बना रहे हो, जब प्यास लगती है तब कुआं नहीं खोदा जाता है, तुमको अपने घर का पहले से ही इंतजाम कर लेना चाहिए था।

मछिंद्रनाथ जी की बात सुनकर महाबली हनुमान जी उनसे पूछते हैं कि आप कौन हैं इसपर मछिंद्रनाथ जी जवाब देते हैं कि मैं एक सिद्ध पुरुष हूं और मुझे मृत्यु शक्ति प्राप्त है उनकी यह बात सुनकर हनुमान जी सोचते हैं कि मछिंद्रनाथ जी की शक्ति की परीक्षा लेने का यह उचित समय है और हनुमान जी जानबूझकर मछिंद्रनाथ जी को कहते हैं कि हनुमान जी से श्रेष्ठ और बलवान योद्धा इस पूरे संसार में कोई भी नहीं है और कुछ समय तक मैंने उनकी सेवा भी की थी इसी वजह से उन्होंने प्रसन्न होकर अपनी शक्ति का 1% मुझे दे दिया था अगर आपके अंदर इतनी शक्ति है तो आप मुझसे युद्ध कीजिए और मुझे युद्ध में पराजित करें अन्यथा स्वयं को योगी कहना छोड़ दीजिए तब मछिंद्रनाथ जी ने हनुमानजी की चुनौती स्वीकार की थी और युद्ध की शुरुआत हो गई।

तब हनुमान जी वायु में उड़ते हैं इससे पहले मच्छिंद्रनाथ जी कुछ समझ पाते उससे पहले ही एक के पीछे एक पर्वत उनकी ओर हनुमानजी फेंक देते हैं पर्वतों को अपनी ओर आता हुआ देख मछिंद्रनाथ जी मंत्रों की शक्ति का इस्तेमाल करते हैं और सभी पर्वतों को आसमान में ही स्थिर कर देते हैं और उन पर्वतों को अपने मूल स्थान पर वापस भेज देते हैं।

इन सबको देखकर हनुमान जी को क्रोध आ जाता है और वहां पर उपस्थित सबसे बड़ा पर्वत अपने हाथ में उठा लेते हैं और उसे उठाकर मछिंद्रनाथ जी के ऊपर फेंकने के लिए आसमान में ऊपर की ओर उड़ जाते हैं यह सब देखते ही मछिंद्रनाथ जी समुंद्र के पानी की कुछ बूंदे अपने हाथ में लेते हैं और उस पर्वत पर वात आकर्षण मंत्र का प्रयोग करते हैं और उस पानी की बूंदों को हनुमानजी की ओर फेंक देते हैं जब बूंदों का स्पर्श हनुमानजी को होता है तो हनुमानजी आसमान में ही स्थिर हो जाते हैं और उनका शरीर तनिक भी हलचल नहीं कर पाता है मछिंद्रनाथ जी के मंत्रों की वजह से कुछ समय के लिए हनुमानजी की सारी शक्तियां शिथिल हो जाती हैं।

हनुमान जी की सारी शक्तियां शिथिल होने की वजह से वह पर्वत का भार उठा नहीं पाते हैं और वह दर्द के मारे तड़पने लगते हैं यह सब देखकर हनुमान जी के पिता वायु देव डर जाते हैं और जमीन पर आकर मछिंद्रनाथ जी से हनुमान जी को क्षमा करने की प्रार्थना करते हैं वायु देव की प्रार्थना पर मछिंद्रनाथ जी हनुमान जी को मुक्त कर देते हैं तभी हनुमान जी अपने मूल स्वरुप में आ जाते हैं और मछिंद्रनाथ जी से कहते हैं कि मैं जानता था कि आप नारायण के अवतार हैं फिर भी मैंने आपकी शक्तियों की परीक्षा लेने का प्रयत्न किया आप मुझे क्षमा कर दीजिए यह सुनकर मछिंद्रनाथ जी हनुमान जी को क्षमा कर देते हैं।

Back to top button
https://ndi.fda.moph.go.th/
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet https://galaxy77bet-jaya.com/ https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/ https://b-happyrealisatie.com/ https://b-smartfundering.com/ http://context2.ai/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://www.mmsu.edu.ph/storage/uploads/xgacor/ https://alumni.mmsu.edu.ph/storage/uploads/hitam/ https://sas.mmsu.edu.ph/storage/uploads/thailand/ https://ieg.mmsu.edu.ph/storage/uploads/pulsa/
slot gacor slot thailand slot thailand slot gacor maxwin scatter hitam slot gacor slot demo slot demo https://officialstore.it.com/