महाबली हनुमान जी की यह 5 बातें, हमें दिलाएगी अपार सफलता
कलयुग में भगवान हनुमान जी एकमात्र ऐसे देवता हैं जो भक्तों की थोड़ी सी भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं और उनके सभी दुखों को हर लेते हैं भगवान हनुमान जी भगवान शिव जी के रुद्र अवतार है और श्री राम जी के परम भक्त भी हैं महाबली हनुमान जी अपने भक्तों के जीवन में सभी बाधाओं को दूर करते हैं और उनके जीवन में खुशियां लाते हैं इसी कारण से ज्यादातर व्यक्ति महाबली हनुमान जी की पूजा अर्चना करते हैं जिससे हनुमान जी की कृपा प्राप्त हो सके यदि हनुमान जी के जीवन के बारे में गंभीरता से जाना जाए तो यह बात समझ में आती है कि उनके सिद्धांतों का पालन करके व्यक्ति अपने जीवन को खुशहाल बना सकता है आज हम आपको इस लेख के माध्यम से महाबली हनुमान जी की उन बातों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिनको अपने जीवन में शामिल करके आप हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
आइए जानते हैं महाबली हनुमान जी की इन बातों के बारे में
संवाद कौशल
आजकल के समय में बहुत से व्यक्ति ऐसे हैं जो संवाद कौशल यानी कम्युनिकेशन स्किल की कमी की वजह से असफलता का सामना करना पड़ता है परंतु यदि आपने महाबली हनुमान जी के जीवन से संवाद कौशल की कला को सीख लिया तो आप अपने जीवन में अवश्य सफल होंगे। रामायण में हनुमान जी के संवाद कौशल का उदाहरण देखने को मिलता है ऐसा बताया जाता है कि जब अशोक वाटिका में माता सीता से हनुमान जी की पहली मुलाकात हुई थी तब काफी देर तक वह यही सोचते रहे थे कि सीता जी से बात कैसे की जाए कहीं उनके वानर रूप को देखकर माता सीता भयभीत ना हो जाए या फिर वह उनकी बातों पर कैसे भरोसा कर पाएंगी यह सब विचार उनके मन में होने के बाद हनुमान जी ने अपने संवाद कौशल से माता सीता को यह विश्वास दिलाने में सफलता प्राप्त की थी कि वह भगवान श्री राम जी के ही दूत है।
विनम्रता
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब श्री राम जी के कहने पर महाबली हनुमान जी लंका जा रहे थे तब समुंद्र लांघते वक्त रास्ते में सुरसा नाम की एक राक्षसी मिली थी हनुमान जी पहले उस राक्षसी से टकराए, लेकिन जब उनको इस बात का ज्ञात हुआ कि ऐसा करके उनका समय व्यर्थ हो रहा है तो उन्होंने विनम्रता दिखाते हुए सुरसा से जाने का आग्रह किया हनुमान जी की इस विनम्र स्वभाव को देखकर सुरसा बहुत प्रसन्न हुई और उन्हें लंका की और बिना किसी रोक-टोक के जाने का मार्ग दिया।
संयम
महाबली हनुमान जी ने अपने पूरे जीवन में कभी भी संयम नहीं तोड़ा है ऐसा बताया जाता है कि भगवान श्री राम जी की सेवा के लिए हनुमान जी ने आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन किया था हनुमान जी ने अपने संयमित जीवन से अपने भक्तों को यह संदेश दिया है कि खानपान में सावधानी बरतने और संयमित दिनचर्या के साथ रहने से कोई भी रोग आपके पास भटक नहीं सकते हैं अगर जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो थोड़ा संयम रखना बहुत ही आवश्यक है।
समाधान
इस संसार में ऐसी कोई भी समस्या नहीं है जिसका समाधान महाबली हनुमान जी के पास ना हो महाबली हनुमान जी ने हमेशा अपने कार्य को एकाग्रता के साथ पूर्ण करके ही वापस आए हैं रामायण के एक प्रसंग के अनुसार रावण की सेना से युद्ध के दौरान लक्ष्मण जब मूर्छित हो गए थे तो वैद्य ने बताया था कि सुमेर पर्वत में संजीवनी नाम की दवा है जब हनुमानजी उस पहाड़ पर पहुंचे तो उस दवा को पहचानने में परेशानी हुई लेकिन वह खाली हाथ वापस लौटने के बजाए पूरा पहाड़ को ही अपने साथ लेकर आ गए थे इसलिए कभी भी व्यक्ति को समस्याओं से घबराने की बजाए उसका समाधान ढूंढना सही होता है।
समर्पण
महाबली हनुमान जी को जब भगवान श्रीराम ने कोई भी कार्य दिया तो हनुमान जी ने हमेशा उस कार्य को पूर्ण करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था हनुमान जी ने हमेशा समर्पण की भावना से अपने सभी कार्य को पूरा किया है इसीलिए व्यक्ति को अपने कार्य के प्रति समर्पण की भावना जरूर रखनी चाहिए क्योंकि समर्पण के भाव से ही किया गया कार्य सफल किया जा सकता है।