माथे पर तिलक लगाते समय क्यों लगाते हैं चावल? जानिए टीका लगाने के फायदे
हिंदू धर्म में लोगों को लाल रंग की रोली लगाने का बहुत शौक रहता है जिसे आम भाषा में टीका कहते हैं. अक्सर लोग शादी, पूजा या किसी त्योहार में अपने माथे पर टीका लगाए घूमते हैं और उसके ऊपर चावल का प्रयोग करना कुछ अलग ही लगता है. इसलिए ध्यान रखना चाहिए कि माथे पर तिलक लगाते समय लाल रंग के टीके के साथ सफेद रंग का चावल ही प्रयोग करें.
माथे पर तिलक लगाते समय चावल का प्रयोग
वैज्ञानिक दष्टिकोण से देखा जाए तो तिलक लगाने से दिमाग में शांति और शीतलता बनी रहती है. यहां चावल लगाने का कारण ये भी माना जाता कि सफेद रंग के चावल में शुद्धता पायी जाती है. पूजन के समय माथे पर कुमकुम के तिलक लगाने के बाद चावल के दाने का प्रयोग करना अच्छा भी लगता लेकिन क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं ? शास्त्रों के अनुसार, हविष्य यानि हवन में देवताओं को चावल चढ़ाया जाता है क्योंकि इसे शुद्ध अन्न माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि कच्चा चावल सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करता है. पूजा में भी लाल रंग के तिलक के ऊपर चावल के दाने इसलिए भी लगाए जाते हैं, ताकि हमारे आसपास जो भी नकारात्मक ऊर्जा आ रही हो या पहले से उपस्थित हो, वो सकारात्मक ऊर्जा में बदल जाए और चारो ओर खुशी का महौल फैल जाए.
टीका लगाने के जबरदस्त फायदे
टीका लगाने के कई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं जिसे आपको भी जरूर जानने चाहिए. इसके बाद आप माथे पर टीका और भी दिलचस्पी के साथ लगाएंगे. आइए जानते हैं कि घर से निकलने के पहले क्यों लगाते हैं टीका ?
1. आत्मविश्वास
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार आपकी दोनों भौंहों के बीच का भाग जहां आप तिलक लगाते हैं उसे अग्नि चक्र कहते हैं. इस भाग को तीसरी आंख भी कहते हैं क्योंकि यहीं से आपके शरीर में शक्ति का संचार होता है. इसी कारण महिलाएं भी बिंदी इसी जगह लगाती हैं.
2. शांति और सुकून
माथे पर तिलक लगाने से इंसान को शांति और सुकून मिलता है. हल्दी के तिलक में एंटी बैक्टीरियल तत्व मौजूद होते हैं जो कई तरह के रोगों से इंसान को दूर रखते हैं.
3. उदासी होती है दूर
तिलक लगाने से इंसान को सुकून तो मिलता ही है साथ ही उसकी उदासी भी दूर होती है. इसमें सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्त्राव संतुलित तरीके से होता है. जिसकी वजह ले इंसान उदाली भूल कर खुश रहने लगता है. इससे तनाव और सिरदर्द भी काफी हद तक खत्म होती है.