
आज से शुरू हो रहा है मलमासः 13 जून तक भूलकर भी न करें ये काम, वरना भुगतने पड़ेंगे गंभीर परिणाम
आज से अधिक मास शुरु हो रहा है। बता दें कि बहुत से लोग अधिक मास को मल मास, पुरूषोत्तम मास आदि नामों से जानते हैं। इस मास खास बात ये है कि इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होता। लेकिन, इस खास महीने के दौरान धर्म-कर्म करना काफी फलदायी रहता है। साल 2018 में मलमास 16 मई से शुरु होगा और 13 जून तक रहेगा। इस दौरान देखा गया है कि लोगों को ये बात मालूम नहीं होती कि कौन से कार्य करने चाहिए और कौन से नहीं। इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि मलमास के महीने में क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए। ।
अधिकमास यानि का मलमास के महीने में भगवान विष्णु के प्रिय मंत्र ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम:” मंत्र या गुरु द्वारा प्रदत्त मंत्र का नियमित जप करने से पुण्य प्राप्त होता है और इसका लाभ मिलता है। इस मास में घर में कथा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दौरान श्रीकृष्ण, श्रीमद्भागवत, श्रीराम कथा वाचन और विष्णु भगवान की उपासना की जाती है। इस मास में पूजा का विशेष फल मिलता है। अगर आप कोई विशेष कार्य के पूर्ण होने की कामना कर रहे हैं तो आपको विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि पूजन से माह समाप्त होते-होते आपकी मनोकामना अवश्य पूरी हो जाती है।
मलमास के महीने में दान का विशेष महत्व है। पुराणों में इस बात का जिक्र है कि इस माह में व्रत-उपवास, दान-पूजा, यज्ञ-हवन और ध्यान करने से मनुष्य के सभी पाप कर्मों का नाश होता है। अगर आप इस माह में गरीबों को दान करते हैं तो आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी और आपको लाभ मिलेगा। ऐसी मान्यता है कि दान में दिये गये एक रुपये से भी सौ गुना फल मिलता है। इस महीने के दौरान दीप दान करने से धन-वैभव के साथ पुण्य भी प्राप्त होता है। अगर आप इस महीने में सोना दान करते हैं तो इससे भी आपको लाभ मिलता है और परिवार में शांति बनी रहती है।
16 मई यानि आज से मलमास शुरू हो चुका है। शास्त्रों में भी वर्णित है कि इस माह में पूजा करने से कई गुना अधिक फल मिलता है। शास्त्रों में मलमास के दौरान कुछ काम को करने से मना किया गया है। अगर कोई पुरुष इन कार्यों को करता है तो उसे इसका नकारात्मक परिणाम भुगतना पड़ता है। बता दें कि अधिकमास के अधिष्ठाता भगवान विष्णु हैं। इसीलिए 16 मई से 13 जून तक विष्णुजी का जाप करने से व्यक्ति की हर इच्छा पूरी होती है।
इस माह यानि पुरुषोत्तम मास में अगर आप जमीन पर सोते हैं, पत्तल पर भोजन करते हैं और शाम को एक वक्त खाना खाते हैं तो यह बेहद शुभ है। इन माह में मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस माह में केवल सादा भोजन ही ग्रहण करना चाहिए। मांस, नशीली चीजें का सेवन करने से धन की हानि होती है। लेकिन, भूलकर भी इस मास में तांबे के बर्तन में रखा दूध न पीये।