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स्मृति से नाखुश पीएम मोदी ने उठाया ये बड़ा कदम, वजह जानेंगे तो उड़ जाएंगे होश

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल किया है। मोदी सरकार बार बार अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करती हुई नजर आती हैं, लेकिन इस फेरबदल में सबको बड़ा झटका लगा है, क्योंकि इसमें एक बार फिर से स्मृति ईरानी का तबादला किया गया है। ईरानी के काम से पीएम मोदी नाखुश नजर आते हैं, जिसकी वजह उन्हेंं बार बार अपने मंत्रालय से हाथ धोना पड़ रहा है। एक बार फिर से ईरानी के हाथों से बड़ी जिम्मेदारी को छीना गया है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?

Jaitley files defamation suit against kejriwal

जी हां, किडनी ट्रांसप्लाट और ऑपरेशन के चलते केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली की जगह पीयूष गोयल वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे। ऐसे में जेटली से मंत्रालय वापस लिया जाना स्वाभिवक है, क्योंकि जेटली की तबीयत खराब है, और इन दिनों जेटली मंत्रालय का काम नहीं कर पा रहे  हैं। लेकिन स्मृति से छीना जाना सबकों चौंका दिया। हालांकि, यह पहली बार नहीं हुआ है, जब ईरानी के साथ ऐसा हुआ है।

स्मृति ईरानी से सूचना प्रसारण मंत्रालय छीना जा चुका है। अब ईरानी के पास केवल कपड़ा विभाग बचा हुआ है। 2014 में जब मोदी सरकार आई थी, तब ईरानी को मानव संशाधन मंत्रालय सौंपा गया था, लेकिन विवादों की वजह से उनसे 2015 में ही मंत्रालय छीन लिया गया, जिसके बाद उन्हेंं कपड़ा मंत्रालय दिया  गया, जिस पर वो अभी तक टिकी  हुई हैं। इन सबके बीच ईरानी को सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय सौंपा गया, जिससे अब ईरानी की छुट्टी हो गई।

आपको बता दें कि सूचना प्रसारण मंत्रालय में ही राज्यमंत्री के रूप में काम देख रहे राज्यवर्धन सिंह राठौर ही अब पूरी तरह से सूचना प्रसारण मंत्रालय का कामकाज संभालेंगे, ऐसे में अब मोदी ने एक बार फिर से ईरानी को झटका दे दिया है। बता दें कि ईरानी को भले ही मोदी अपनी बहन मानते हों, लेकिन उनके इस तरह के फैसले से यह साफ हो जाता है कि उनके लिए काम से बढ़ा कुछ नहीं।

हाल ही में ईरानी ने फेक न्यूज चलाने वाले पत्रकारों की मान्यता रद्द करने की बात कही थी, जिसको लेकर ईरानी को काफी ट्रोल भी किया था, लेकिन पीएम मोदी ने विवाद बढ़ने के बाद ईरानी के इस फैसले को पलट दिया था। जिसके बाद से ही यह अनुमान लगाया जा रहा था कि ईरानी से जल्द ही यह मंत्रालय भी छीना जा सकता है, और हुआ भी कुछ ऐसा ही। बता दें कि स्मृति जिस मंत्रालय में जाती है, वहां से विवाद जरूर शुरू होता है।

बतौर शिक्षा मंत्री रहते हुए ईरानी कई विवादों से घिर चुकी हैं। पहले उनकी शिक्षा को लेकर सवाल खड़े किये गये  तो फिर उन्हें फर्जी  डिग्री को लेकर ट्रोल होना पड़ा। इतना ही नहीं, ईरानी जब तक शिक्षा मंत्री थी, तब तक अधिकांश यूनिवर्सिटी को विवादों से जूझना पड़ा था। फिर चाहे डीयू का फोर ईयर कोर्स या फिर रोहित वेमुल्ला का केस। इन सबके अलावा अलीगढ़ यूनिवर्सिटी, संस्कृत भाषा का विवाद। न जाने कितने विवादों से स्मृति ईरानी जूझ चुकी हैं।

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