सख्त हुई मोदी सरकार, बुजुर्ग मां-बाप को सताने वालों की अब खैर नहीं
आजकल बुजुर्गों के खिलाफ अत्याचार में बढ़ावा देखने को मिल रहा है। ऐसे में बुजुर्गों को सुरक्षित रखने के लिए मोदी सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। जी हां, मोदी सरकार अब उन बच्चों की क्लास लेगी, जो अपने बुजुर्ग माता पिता को असहाय छोड़ देते है या फिर उन्हें सताते हैं। बता दें कि यह बुजुर्गों की रक्षा और उनके सम्मान को बनाए रखने की तरफ एक कदम है। बुजुर्गों के साथ हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए केंद्र की मोदी सरकार अब इस फैसलें पर मंजूरी बना सकती है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?
मोदी सरकार जल्द ही बुजुर्ग माता-पिता को असहाय स्थिति में छोड़ने वालों के खिलाफ कानून और सख्त करने जा रही है। फिलहाल इस कानून के तहत तीन महीने की सजा है, जो अब 6 महीने की हो सकती है। ऐसे में अगर इस कानून में संशोधन हो गया तो मोदी सरकार को चुनावी माहौल में काफी फायदा मिल सकता है। पीएम मोदी हमेशा कहते हैं कि उनकी सरकार हर वर्ग के लिए है, ऐसे में मोदी सरकार का यह कदम उनके इस जुमले को हकीकत में बदल सकता है, जिससे 2019 में सरकार को फायदा मिल सकता है।
माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल और कल्याण कानून, 2007 की समीक्षा कर रहे सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय ने बच्चों की परिभाषा को विस्तार देने की भी सिफारिश की है। साथ ही इस कानून में कई औऱ कड़ियों को जोड़ने की बात कही गई है, ऐसे में अगर मोदी सरकार इस कानून में संशोधन करने में सफल होती है, तो बुजुर्गों की स्थिति में सुधार हो सकता है। बता दें कि इस कड़ी में पोता पोती को भी जोड़ने की सिफारिश हुई है, इसके अलावा नाबालिग बच्चों को भी इसमें जोड़ने की बात हुई ताकि किसी भी तरह की गलती कोई गुंजाइश न बचे।
बताते चलें कि अगर बच्चे मां बाप की देखभाल करने से इनकार कर दें, तो वो कानून का सहारा ले सकते हैं। कानून के तहत बच्चों से प्रताड़ित मां बाप को सहारा न देने पर बच्चों को जेल हो जाती है, लेकिन ऐसे हालात में मां बाप को रिपोर्ट करना पड़ता है, तभी इस तरह का एक्शन लिया जा सकता है। दरअसल, सरकार से फिलहाल इस मसले पर सिर्फ सिफारिश ही की गई है, जिसकी वजह से अभी इस कानून में संशोधन करने में वक्त लग सकता है, लेकिन इस तरह के कानून से समाज में बुजुर्गों को प्रताड़ित नहीं किया जाता है।