तो अखिलेश मायावती को बनाना चाहते हैं पीएम, जानिये क्या है मांजरा?
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। महागठबंधन ने तो अपने उम्मीदवार को नाम भी लगभग तय कर लिया है। ऐसे में यूपी में महागठबंधन को लेकर अब धीरे धीरे करके हर पार्टी सामने आ रही है। अखिलेश, मायावती और आरएलडी खुलकर समर्थन दे रहे हैं, तो वहीं कांग्रेस पर्दे के पीछे से अपनी भूमिका बना रही है। अखिलेश के कंधों पर महागठबंधन की पेंच टाइट करने की जिम्मेदारी है। यही वजह है कि अखिलेश कोई भी ऐसा बयान नहीं देना चाहते हैं, जिसकी वजह से महागठबंधन में दरार आएं। चलिए जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?
राहुल गांधी के पीएम बनने की इच्छा पर जिस तरह से अखिलेश का रिएक्ट आया उससे तो यही लगता है कि अखिलेश राहुल को नहीं बल्कि मायावती को पीएम के रूप में देखना चाहते हैं, जिसकी वजह से वो मायावती के खिलाफ एक शब्द नहीं बोलते हैं। हालांकि, अखिलेश इस बात से भी अनजान नहीं है कि कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है, पूरे देश में उसकी पकड़ है, ऐसे में वो कांग्रेस को भी नाखुश नहीं करना चाहते हैं। लेकिन सूत्रों की माने तो अखिलेश पीएम नहीं बनना चाहते हैं, बल्कि वो मायावती को पीएम बनाना चाहते हैं।
सूत्र तो यहां तक कह रहे हैं कि महागठबंधन में सिर्फ सीटों पर ही चर्चा नहीं बल्कि मंत्रालयों की भी चर्चा हो चुकी हैं। कांग्रेस समेत सभी पार्टियों ने मंत्रालय को लेकर भी चर्चा कर चुकी हैं। बता दें कि अगर गठबंधन को बहुमत मिला तो केंद्रीय मंत्रालय में हर पार्टी को कोई न कोई जिम्मेदारी दी जाएगी, ताकि गठबंधन की सरकार का तालमेल बना रहे। जी हां, कांग्रेस पार्टी जहां पूरे देश से सीटें इक्ठठा करने की कोशिश करेगी तो वहीं यूपी में महागठबंधन बीजेपी को मुंह तोड़ जवाब देने की तैयारी में है, ऐसे में यहां काफी बड़ी तैयारी चल रही है।
बताते चलें कि गोरखपुर और फूलपुर में इस गठबंधन नें अपनी ताकत का मुजाहिरा पेश कर दिया है, ऐसे में अब कैराना में रालोद के शामिल होने से बीजेपी के लिए जीत और कठिन हो चुकी है। बीजेपी की इसी कमजोरी का फायदा विपक्ष एकजुट होकर उठाना चाहती है, जिसकी तैयारियां काफी जोरो से चलती हुई नजर आ रही है। मिली जानकारी के मुताबिक, मायावती को गठबंधन पीएम उम्मीदवार के रूप में घोषित कर सकता है, जिस पर सबकी सहमति भी बन चुकी है, तो वहीं कांग्रेस को गृहमंत्रालय सौंपा जा सकता है। महागबंधन की सारी जिम्मेदारियां अखिलेश के कंधो पर है।