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कमलनाथ पर शिवराज का पलटवार, गिनाई सरकार की उपलब्धियां

मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो चुकी है। शिवराज के सीएम पद को लेकर बयान देने के बाद से ही सियासत गरमा चुकी है।  इन सबके बीच मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बयान में शिवराज  को नालायक करार दिया था, जिसके बाद अब शिवराज सरकार नालायक को मुद्दा बनाकर अपनी उपलब्धियां गिनाएं, ऐसे में अब कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश में चुनावी माहौल शुरू होने के कगार पर है। दोनों ही पार्टियां यहां भी अपना दमखम लगाती हुई नजर आ रही हैं। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?

एमपी की शिवराज सरकार को लेकर कांग्रेस लगातार वार करती हुई नजर आ रही है, लेकिन इन सबके बीच शिवराज सरकार ने अपनी उपलब्धियों को गिना दिया है, जिसके बाद विरोधियों के मुंह पर ताला लग गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि शिवराज मेरे मित्र हैं, लेकिन कुछ मित्र नालायक होते हैं, उसी तरह शिवराज भी हैं। शिवराज ने इस बात का पलटवार करते हुए धन्यवाद कहा था, साथ ही कमल के नाम को लेकर बीजेपी को जीताने के लिए भी धन्यवाद किया। अब सीएम शिवराज ने अपनी सफलताओं को गिनाते हुए कमलनाथ के मुंह पर ताला लगा दिया।

शिवराज ने नालायक को बनाया मुद्दा, गिनाई ये उपलब्धियां…

1.हम नालायक है भाई जो गरीबो को सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार दे रहे हैं।

2.हम नालायक है भाई जो अपने भांजे भंजियो की स्कूल के फीस दे रहे हैं।

3.हम नालायक है जो बेटी को लाडली लक्ष्मी बनाने का काम कर रहे हैं।

4.हम नालायक है जो माता बहनो को सम्मान से जीवन देने का अधिकार दे रहे हैं।

5.हम नालायक और तुम लायक जिन्होंने पचास साल जनता का खून चूसा है।

याद दिला दें कि  सोमवार को कमलनाथ ने कहा था कि शिवराज मेरे मित्र हैं लेकिन कुछ मित्र नालायक होते हैं, जिसके बाद कमलनाथ के इस बयान पर एमपी के नेताओं प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया था। गौरतलब है कि एमपी में अब चुनाव होने में कुछ ही महीने बाकि है, ऐसे में चुनावी माहौल को अभी से बनाया जा रहा है, ताकि कर्नाटक की तरह एमपी चुनाव को भी राष्ट्रीय मुद्दों से लड़ा जा सके। इस प्रक्रिया में बीजेपी और कांग्रेस का योगदान एक जैसे ही। दोनों ही पार्टियां लगातार राज्य के मुद्दे से हटकर राष्ट्रीय मुद्दे पर चुनाव लड़ती हुई नजर आ रही हैं, जोकि राजनीतिक धर्मों के खिलाफ है, लेकिन यहां मामला चुनाव जीतने का है, तो क्या धर्म क्या नियम।

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