SC/ST एक्ट मामलें में रिव्यू पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया बड़ा फैसला, जानिये क्या है मामला?
एससी एसटी एक्ट में बदलाव करने के बाद पूरे देश में दलितों ने अपने अधिकार के लिए हिंसा की, जिसके बाद इस मुद्दे को लेकर सभी पार्टियां एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी लगाते हुए नजर आए। देश में दलित विरोधी और दलित हितेषी भी देखने को मिल रहा है। हर कोई खुद को दलितों का मसीहा बताते हुए अपनी सिसायत की रोटियां सेंकने के फिराक में है। इन सबके बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस मामलें को लेकर बड़ा आदेश दिया है। केंद्र सरकार की याचिका पर ध्यान देते हुए कोर्ट ने इसकी सुनवाई के लिए मन बना लिया है। आइये जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?
बीते दो अप्रैल को देश भर में दलित आंदोलन देखने को मिला था, जिसके बाद से ही सरकार ने रिव्यू पिटीशन दायर किया, जिसको लेकर अब कोर्ट इस मसले को नये सिरे से लेकर सुनवाई करेगा। बता दें कि कोर्ट ने अपने एक फैसले के तहत इस एक्ट में बदलाव किया था, जिसके बाद कुछ समय तक माहौल शांत दिखाई दिया था, लेकिन कुछ दिन बाद भारत बंद करने का ऐलान किया गया और 2 अप्रैल को पूरे देश में तोड़फोड़ हुई। ऐसे में दलितों के अधिकार के आड़ में तमाम राजनीतिक पार्टियां सिर्फ अपनी रोटियां सेकती हुई नजर आई।
केंद्र सरकार की रिव्यू पिटीशन पर पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अपने फैसले को सुरक्षित रखा है, लेकिन वकीलों की दलिलों के बाद अब इस मामलें में एक अहम सुनवाई होगी, जिसकी तहत यह फैसला लिया जाएगा कि कोर्ट अपने फैसले को सुरक्षित रखता है या फिर उसमें बदलाव करता है। इसके लिए तारीख 3 मई रखी गई है। जी हां, 3 मई को इस मामले में अहम सुनवाई होगी। दोनों ही तरफ के वकीलोंं ने अपने दलिलों को कोर्ट में लिखित रूप में दे दी है, जिसके बाद अब कोर्ट इस पर 3 मई को अहम फैसला ले सकता है।
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस एक्ट के तहत तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाया है, जिसके बाद इस मामले को लेकर विवाद छिड़ गया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि इस एक्ट में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक इसलिए लगाया जा रहा है, क्योंकि इसके तहत मासूम नागरिकों को भी परेशान किया जाता है। साथ ही अधिकारी अपना काम नहीं कर पाते है। कोर्ट ने कहा कि पूरी छानबीन के बाद ही गिरफ्तारी होगी, लेकिन अगर आरोप झूठा हुआ तो शिकायतकर्ता की ही गिरफ्तारी हो सकती है।