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चुनाव जीतने के लिए शिवराज का बड़ा दांव, कांग्रेस हुई हमलावर

साल के आखिरी में मध्यप्रदेश में चुनाव होने वाले हैं, जिसकी तैयारियां अभी से चल रही है, ऐसे में अब विवादों में आ गये हैं सीएम शिवराज। जी हां, सीएम शिवराज ने एक ऐसा काम किया है, जिसकी वजह से विपक्ष सरकार पर वार करने से पीछे नहीं हट रही है। यूं तो चुनाव के दौरान पार्टियां प्रचार करती है, लेकिन सीएम शिवराज ने इस बार रिकार्ड तोड़ दिया। जी हां, सीएम शिवराज ने 23 पन्नों पर विज्ञापन दिया, जिसके बाद सियासी गलियारों में हलचलें तेज हो चुकी है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?

मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक सरकारी अखबार के 24 पेजों में से 23 पेजों पर सरकार का विज्ञापन प्रकाशित किया है, जिसके बाद अब यह मामला तूल पकड़ने लगा है। जी हां, कांग्रेस के लिए यह चुनावी मुद्दा बन गया है। कांग्रेस बीजेपी को आड़े हाथों लेने से पीछे नहीं हट रही है। बता दें कि बीजेपी के लिए यह मुश्किल खड़ी हो रही है, क्योंकि इस प्रचार के लिए शिवराज सिंह ने करोड़ों रूपये खर्च कर दिये है। विज्ञापन में इतने रूपये खर्च करने की वजह से बीजेपी को चौ-तरफा आलोचनाएं झेलनी पड़ रही है।

बताते चलें कि शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव जीतने के लिए 24 पेज के अखबार में 23 पन्नों पर अपनी सरकार का गुणगान कर दिया, जिसमें पीएम मोदी के साथ उनकी तस्वीरें दिख रही है। विज्ञापन में शिवराज सिंह चौहान ने अपने काम का गुणगान किया है। शिवराज ने तमाम योजनाओं का उल्लेख किया है, तो वहीं इसको लेकर कांग्रेस पूरी तरह से हमलावर हो चुकी है। बता दें कि ये सरकारी योजनाओं की पुस्तिका है, जिसे विज्ञापन के अंदाज में अखबार में छापा गया है, इसके तहत हर योजनाओं का जिक्र किया गया है। साथ ही एमपी में विकास की भी बात हुई है।

बीजेपी पर वार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि शिवराज सरकार की सारी योजनाएं जमीनी स्तर पर फ्लॉप हो गई है, जिसकी वजह से बीजेपी शिवराज सरकार की गुणगान गाने को मजबूर हो गई है। कांग्रेस ने कहा कि इस तरह के विज्ञापन से साफ जाहिर हो रहा है कि बीजेपी की सरकार में कुछ नहीं हुआ वो अब बस दिखावे के सहारे विधानसभा चुनाव जीतना चाहती है, लेकिन जनता बीजेपी के इस दिखावे में फंसने वाली नहीं है। बता दें कि शिवराज सरकार पहले ही डेढ़ लाख करोड़ रूपये के कर्ज में डूबी हुई है, ऐसे में विज्ञापनों पर इतना खर्च क्यों होगा तो विपक्ष के कान खड़े ही होंगे।

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