मरने के बाद भी इस बच्चे ने झपकाई थी अपनी पलकें, चमत्कारिक नज़ारे देखने के लिए लगी लोगों की भीड़
सही कहा जाता है कि इस दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है। जो भी इस दुनिया में आया है उसे एक ना एक दिन यह दुनिया छोड़कर जाना ही है। जीवन और मृत्यु किसी के हाथ में नहीं है। जब जिसकी मौत आ जाती है, उसे जाना ही होता है। मौत के बारे में यह भी कहा जाता है कि यह किसी में फ़र्क़ नहीं करती है। मौत की नज़र में बूढ़े और बच्चे दोनो एक सामान होते हैं। मौत किसी के ऊपर रहम नहीं करती है।
समय पूरा हो जाने पर एक महीने का बच्चा भी मर जाता है और समय ना आने पर 100 साल का बूढ़ा भी अपनी मौत का इंतज़ार करता है। लोगों से लिए यह हमेशा से पहेली बनी हुई है कि आख़िर लोग मरते कैसे हैं। मरने के बाद उनकी आत्मा, शरीर छोड़कर कहा चली जाती है। मरने के बाद हर व्यक्ति का शरीर एकदम शांत हो जाता है और उसके शरीर में किसी भी प्रकार की हरकत होनी बंद हो जाती है। जब तक व्यक्ति जीवित रहता है, तब तक वह सबकुछ कर सकता है, लेकिन मरने के बाद सबकुछ बंद हो जाता है।
मौत किसी भी व्यक्ति के जीवन पर लगने वाला विराम चिन्ह की तरह होता है। मौत के बाद ज़िंदगी हमेशा के लिए थम जाती है। सभी शारीरिक और मानसिक गतिविधियाँ मरने के बाद थम जाती हैं। पलकें भी बंद हो जाती हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानकार यक़ीनन आपकी रूह काँप जाएगी। आप सोच में पड़ जाएँगे कि आख़िर ऐसा कैसे सम्भव हो सकता है। जी हाँ आज हम आपको उस लाश के बारे में बताने जा रहे हैं, जो मरने के बाद भी अपनी पलकें झपकाती है।
दरअसल दो साल के रोजालिया लोबरडो की मौत 1920 में हो गयी थी। लेकिन मरने के ब आड़ भी उसे अपनी पलकें झपकाते हुए देखा गया था। जानकारी के अनुसार यह घटना इटली के सिसिली की राजधानी पैलरमो की है। 1920 में 8000 लोगों की मौत हो गयी। सभी मरने वालों के क़ब्र को पैलरमो के एक कानवेंट में संरक्षित रखा गया। यही पर दो साल के रोजालिया को अपनी पलकें झपकाते हुए देखा गया था। यह ख़बर कुछ ही समय में आग की तरह फैल गयी थी। लोग दूर-दूर से इस अद्भुत नज़ारे को देखने के लिए सिसिली जाने लगे थे।
हालाँकि इन क़ब्रों की निगरानी करने वाले डैरियो का कहना था कि रोजालिया की आँखें पूरी तरह से बंद नहीं थी, इस वजह से ऐसा माना जा रहा था कि उसकी पलकें झपक रही हैं। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था। रोजालिया की लाश से जुड़े रहस्यों का ख़ुलासा उस समय हुआ जब उसके पिता के एक मित्र ने लाश के संरक्षण के लिए किए गए रासायनिक सूत्र का पता लगाया। आपको जानकार हैरानी होगी कि रोजालिया की लाश को आज भी सुरक्षित रखा गया है। रोजालिया की लाश को इस समय एक शीशे के ताबूत में सुरक्षित रखा गया है।