रहस्य का पता लगाने के लिए तीन बार क़ब्र से निकाली गयी इस शासक की लाश, फिर सामने आया यह हैरान सच
इस दुनिया में हर रोज़ कुछ ऐसी घटनाएँ घटती हैं, जिनके ऊपर आसानी से यक़ीन नहीं किया जा सकता है। आज भी इस दुनिया में कई ऐसे रहस्य मौजूद हैं, जिनका ख़ुलासा नहीं हो पाया है। इन रहस्यमयी बातों के बारे में जानकार कई बार लोगों की रूह तक काँप जाती ही। दुनिया में कई ऐसी जगहें हैं जो रहस्यों से भरी हुई हैं। इन्ही में से एक है मिश्र। मिश्र में ऐसे-ऐसे रहस्य छुपे हुए हैं, जिनसे आजतक पर्दा नहीं उठ पाया है। आज भी मिश्र में हज़ारों सालों से कई राज दबे हुए हैं।
वैसे तो मिश्र में रहस्यों की कोई कमी नहीं है, लेकिन मिश्र का सबसे बड़ा रहस्य और राज 19 साल की उम्र में मौत को ग्रहण करने वाले तूतनखामेन की है। आपकी जानकारी के लिए बता दें इतनी छोटी उम्र में ही तूतनखामेन मिश्र के चर्चित राजा थे। तूतनखामेन की मौत आज से लगभग तीन हज़ार साल पहले हुई थी, लेकिन आज भी उनकी मौत वैज्ञानिकों को हैरानी में डाल देती है। वैज्ञानिक इनकी मौत को लेकर अलग-अलग विचार रखते रहते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें तूतनखामेन का शासनकाल 1333 ईसापूर्व से लेकर 1324 ईसापूर्व तक था।
जानकारी के अनुसार केवल 19 साल की उम्र में किसी वजह से तूतनखामेन को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। उनकी मृत्यु किस वजह से और क्यों हुई, आज तक इसका राज खुल नहीं पाया है। कुछ लोग तूतनखामेन की मौत को लेकर यह कहते हैं कि राजघराने में चल रही दुश्मनी की वजह से तूतनखामेन को मार दिया गया था। हालाँकि अभी तक इसके कोई पुख़्ता सबूत नहीं मिल पाए हैं। 1922 में ब्रिटिश ऑर्कियोलॉजिस्ट और इजिप्टोलॉजिस्ट हावर्ड कार्टर ने तूतनखामेन की ममी को खोज निकला था।
जिस समय तूतनखामेन की क़ब्र को खोज गया था उस समय ममी के अलावा क़ब्र में सोने और हाथी दाँत के आभूषण भी थे। कार्टर ने अपनी एक खोज में ख़ुलासा किया कि ममी एक ताबीज़ पहने हुए था। उसका पूरा चेहरा सोने के मास्क से ढ़का हुआ था। शव के ऊपर इस मास्क को एक लेप की तरह लगाया गया था। ममी को क़ब्र से निकालने के बाद कार्टर ने अपनी टीम के साथ मिलकर उसके कई टुकड़े कर दिए। मास्क को भी चेहरे से गर्म छूरी और तार की मदद से हटाया गया। ममी का परीक्षण करने के बाद शरीर को ठीक करके उसे 1926 में फिर से उसके पुराने ठिकाने पर रख दिया गया था।
उसके बाद से तूतनखामेन की ममी को एक्स-रे के लिए तीन बार क़ब्र से निकाला जा चुका है। 1968 में जब ममी का एक्स-रे फिर से किया गया तो यह बात सामने आयी कि उसकी खोपड़ी में एक हड्डी का टुकड़ा धँसा हुआ है, जिससे इस बात को बल मिला कि तूतनखामेन की मौत स्वाभाविक नहीं थी बल्कि उसे किसी ने मारा था। आज भी मिश्र के पिरामिडों के बारे में कहा जाता है कि वहाँ रात के समय ममी को घूमते हुए देखा जा सकता है। रात में अजीब-अजीब आवाज़ें सुनाई देती हैं। हालाँकि इसके पीछे सच्चाई क्या ही, यह किसी रहस्य से कम नहीं है।