घर में हमेशा रखें इस एक धार्मिक बात का ख़याल, जल्दी होने लगेगी धन की बारिश और बदल जाएगा जीवन
आज के इस आर्थिक युग में धन की क्या ज़रूरत है, यह किसी को बताने की ज़रूरत नहीं है। आज के समय में बिना पैसे के कोई भी काम सम्भव नहीं है। यहाँ तक की आज के समय में रिश्ते भी उन्ही लोगों के ज़्यादा मज़बूत होते हैं जो धनी होते हैं। इसलिए धन सबसे महत्वपूर्ण चीज़ बन गयी है। हर व्यक्ति चाहता है कि उसके पास इतना पैसा हो कि उसे जीवन में किसी चीज़ की कमी ना हो। वह जो चाहे पैसे के दम पर सब कर सके।
कुछ लोग अपना पूरा जीवन पैसा कमाने में लगा देते हैं, लेकिन अंत तक वह कुछ भी नहीं कर पाते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो थोड़ी से मेहनत के बाद भी ख़ूब सारा धन इकट्ठा कर लेते हैं। इसके पीछे कई धार्मिक वजहें बताई गयी हैं। मान्यता के अनुसार अगर व्यक्ति जीवन में इन धार्मिक बातों का ध्यान रखे तो उसे जीवन में किसी चीज़ की कमी नहीं होती है। वास्तुशास्त्र हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। इसके नियमों का जो सोच-समझकर पालन करता है, वह जीवनभर सुखी रहता है।
जीवन की कई समस्याएँ वास्तुदोष के कारण ही उत्पन्न होती है। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर बनवाते समय घर की दिशा का ख़ास ख़याल रखना चाहिए। ऐसा करने से घर में रहने वाले सदस्यों के ऊपर कोई मुसीबत नहीं आती है। घर के हर एक हिस्से का अपना महत्व होता है। भवन कोई भी हो उसके आंतरिक आर बाहरी बनावट का ख़ास ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही उसकी साज-सज्जा का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। ऐसा ना करने पर व्यक्ति को जीवन में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। घर बनाते समय वास्तु दोष का भी ध्यान रखना चाहिए।
कोई भी घर बनवाते समय ब्रह्मस्थान सदैव साफ़ रखना चाहिए। इसके साथ ही घर में नियमित रूप से तुलसी की पूजा भी करनी चाहिए। घर में ब्रह्मस्थान साफ़-सुथरा रखने से परिवार में ख़ुशहाली आती है और घर के सदस्यों का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। इस जगह पर किसी तरह का कचरा नहीं होना चाहिए। ऐसा होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होने लगता है जो कई समस्याओं को जन्म देता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में ब्रह्मस्थान हमेशा घर में बीचो-बीच होता है। जिसके देवता ब्रह्मा जी और अधिपति ग्रह वृहस्पति हैं।
पहले जब भवन बनते थे तो इस स्थान पर आँगन का निर्माण करवाया जाता था, जिसके चारो तरफ़ कमरे बनवाए जाते थे। ऐसे घरों में रहने वाले लोगों में एकता, प्रेम और आपसी सौहार्द देखने को मिलता है। आजकल जगह की कमी की वजह से लोग घर के ब्रह्मस्थान को भूलते जा रहे हैं। जबकि घर की सुख-शांति के लिए इसका होना बहुत ही ज़रूरी है। घर का यह स्थान पंचमहाभूतों के तीन तत्वों भूमि, आकाश और वायु का पर्याय होता है। इन तीनों तत्त्वों के संतुलन से ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसी लिए घर या फ़्लैट में ब्रह्मस्थान के रूप में ख़ाली जगह उचित दिशा में रखनी चाहिए।