इस 1 मंत्र के जाप से आपका बुरा समय होगा दूर, सुबह उठते ही करें इसका उपयोग और देखें कमाल
इस दुनिया में हर जीव स्त्री और पुरुष खुश एवं सुखद जीवन व्यतीत करने के सुनहरे सपने देखते हैं. मगर कईं बार ना चाहते हुए भी बुरा समय और परेशानियाँ उन्हें आ घेरती हैं. ऐसे में लाख उपाय करने पर भी वः उन दुखों से मुक्ति पाने में असमर्थ रहते हैं. इस बात में कोई दो राय नहीं है कि भगवान ने हर मनुष्य के जीवन में सुख और दुःख बराबर के दिए हैं. पिछले कर्मों के अनुसार सबको निरंतर फल भोगना पड़ता है. ऐसे में अगर आप भी अपने जीवन मे सुख शांति समृ्धि की कमी अगर महसूस कर रहे है तो हमारा यह सुझाव आप ही के लिए है। दरअसल, आज के समय में कई लोग रोज उठते समय अपनी हथेलियों को देखकर उठते है तो वहीं दूसरी ओर कई अन्य लोग भगवान को प्रणाम करके उठते है। ऐसा वह अपने शुभ समय को निकट लाने के लिए करते हैं. लेकिन, अगर आप यह सब काम नहीं करते हैं तो घबराइए नहीं. क्यूंकि हम आपको आपकी ज़िन्दगी को सुखद एवं समृद्धशाली बनाने के लिए ही यहां आए हैं। आज हम आपको कुछ चमत्कारिक मन्त्रों के बारे में बताने जा रहे हैं. अगर आप इन बताए हुए मंत्रो का उच्चारण करना शुरू कर देते है तो आपका जीवन भी खुशियों से भरा और विघ्न मुक्त हो सकता है
वामन पुराण के 14वे अध्याय के 21 से 25वे श्लोकों में स्वयं देवो के देव महादेव ने इन श्लोकों की महानता का वर्णन किया है। अगर कोई भक्त इन श्लोकों का प्रतिदिन उच्चारण करता है तो उसके जीवन में सुख शांति समृद्धि का आगमन होगा तथा बुरी शक्तियों का पलायन होगा। दरिद्रता का नाश होगा अथवा मानसिक चिंता भी कम होंगी।
ये हैं मंत्र स्तुति
ब्रह्मा मुरारिरित्रपुरान्कारी भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र: सह भानुजेन कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्।।
भृगुर्वसिष्ठ: क्रतुरडिराश्च मनु: पुलस्त्य: पुलद्ध: सगौतम: ।
रैभ्यो मरीचिश्चयवनो ऋभुश्च कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्।।
सनत्कुमार: सनक: सनन्दन: सनातनोप्यासुरिपिडलौ च।
सप्त स्वरा: सप्त रसातलाश्र्च कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्।।
यह है इस चमत्कारित मंत्र का अर्थ
ब्रह्मा, विष्णु, शिव ये देवता तथा सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनि ये सभी ग्रह मेरी सुबह और दिन को मंगलमय बनाएं। भृगु, वसिष्ठ, क्रतु, अडिग्रा, मनु, पुलस्त्य, पुलह, गौतम, रैभ्य, मरीच, च्यवन और ऋभु- ये सभी ऋषि मेरी सुबह और दिन को मंगलमय बनाएं। सनत्कुमार, सनक, सन्नदन, सनातन, आसुरि, पिडग्ल, सातों स्वर और सातों रसातल- ये सभी मेरी सुबह और दिन को मंगलमय एवं समृद्ध शाली बनाएं।
आप इन दो मंत्र का भी उच्चारण कर सकते हैं यह भी आपको इनके बराबर लाभ प्रदान करेंगे।
ब्रह्मा मुरारिरित्रपुरान्कारी भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र: सह भानुजेन कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्।।
अर्थ: ब्रह्मा, विष्णु, शिव ये देवता तथा सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनि ये सभी ग्रह मेरी सुबह और दिन को मंगलमय बनाएं।
हो सकता है आपका जीवन बिना किसी साधना के सही चल रहा हो लेकिन यह मंत्र आपके और आपके परिवार को सुखी एवं समृद्ध वान बना सकते हैं। ये मंत्र अपनी देवीयता साबित कर चुके हैं। इसलिए आप रोजाना सुबह उठ कर इन मंत्रों का सच्चे मन से जाप करें ताकि आपको जल्द से जल्द इन मंत्रो के अच्छे परिणाम मिल पाएं.