चाणक्य की ये 5 बातें जान लेंगे तो आप जीवन में कभी नहीं हारेंगें, सफलता चूमेंगी कदम, आज़मा लें
चाणक्य को हम सभी कौटिल्य के नाम से भी जानते हैं. वह चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे. बुद्धि के मामले में चाणक्य अव्वल थे. उनकी अपनी अलग ही विचारधारा था. वह अक्सर लोगों को सही मार्ग पर चलने के उदेश्य दिया करते थे. आज के इस आर्टिकल में हम आपको चाणक्य नीति की कुछ ऐसी ही 5 बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके द्वारा उन्होंने मनुष्य को कभी ना हार मानने की उदाहरण दी. महान गुरु चाणक्य का कहना था की हमें शेर से 1, बगुले से 1, मुर्गे से 4, कौवों से 5. और कुत्ते से यह 6 बाते सीखनी चाहिए-
यह हैं चाणक्य की बातें
चाणक्य के अनुसार हर इंसान को किसी भी काम को अपनी पूरी ताकत और लगन के साथ करना चाहिए. जिसका शेर अपना शिकार पकड़ता है वैसे ही इंसान को अपना काम पूरा करना चाहिए और हार नहीं माननी चाहिए. लेकिन अगर कोई इंसान अपनी ताकत नहीं लगा सकता उसे यह समझ लेना चाहिए कि उसका प्रयास विफल है. चाणक्य के अनुसार हमें एक शेर से जीवन जीना सीखना चाहिए. शेर भले ही बड़े शिकार को पकड़ने के लिए लड़े या फिर किसी हिरन का पीछा करें वह किसी भी कार्य को करने में अपनी पूरी ताकत लगा देता है. ठीक वैसे ही हमें भी हर काम को पूर्ण करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोक देनी चाहिए.
चाणक्य के अनुसार एक बगुला अपनी पूरी स्थिरता के साथ खड़ा होता है तो वह सबसे पहले संयम के साथ सब कुछ भांपने लगता है. गौरतलब है कि बगला तभी खड़ा होता है जब उसके आसपास कई सारी मछलियां आ जाती हैं. परंतु जिस जगह मगरमच्छ होता है वह उस जगह कभी भूल से भी खड़ा नहीं होता. बगुला अपनी पहुंच को अच्छे से जानता है कि वह किस पर हमला करके उसको हासिल कर सकता है इसलिए वह मगरमच्छ को चौंच तक नहीं मारता. बगुले से हमें भी सीख लेनी चाहिए कि हमें कौन सी जगह पर चौंच मारनी चाहिए और कौन सी जगह नहीं.
चाणक्य की तीसरी बात हमें मुर्गे की जिंदगी का अनुभव कराती है जिस प्रकार मुर्गा सुबह सूर्य उदय से पहले उठ जाता है और अपने सभी लड़ाईयां वीरता से लड़ता है, ठीक उसी तरह से मनुष्य को भी सुबह सूर्योदय से पहले उठकर अपनी लड़ाइयों को मेहनत और वीरता के साथ लड़ना चाहिए और अपने परिवार के लिए भोजन जुटाना चाहिए.
चाणक्य नीति के अनुसार अगली सीख हमें कौवे से लेनी चाहिए. इस पत्थर दिल दुनिया में आगे बढ़ने के लिए कठोर हृदय का होना बेहद जरूरी है. कोई हमें लाख बुरा भी क्यों ना सोच ले हमें वही करना चाहिए जो हमें हमारा दिल कहे. वीरता का सबसे अच्छा उदाहरण “दशरथ मांझी” है जिसकी ढीठता पर बॉलीवुड में फिल्म भी बन चुकी है. कौवे का दूसरा गुण है छुप कर सौभत करना. तीसरी बात यह कि कौवा हमेशा चीजें इकट्ठी करने में यकीन रखता है, जो था वह हमेशा सावधान रहता है और पांचवा वह किसी अन्य पर भरोसा नहीं करता.
चाणक्य के अनुसार कुत्ता सबसे वफादार जानवर है और उसमें से ऐसे गुण होते हैं जिन्हें हमें अपने जीवन में डालना चाहिए. कुत्ते में सबसे पहला गुण यह है कि वह सबसे अधिक खाने की क्षमता रखता है परंतु दूसरा गुण उसका यह है कि वह थोड़ा सा खा कर भी खुश रह सकता है. कुत्ते का तीसरा दिन यह है कि वह गहरी नींद लेता है और चौथा गुण यह कि वह हल्की आहट से भी जाग उठता है. इसके इलावा कुत्ते का पांचवा गुण है वफादारी और छठा गुण है उसकी बहादुरी,यह सभी बातें हमें एक कुत्ते से आवश्य सीखनी चाहिए.