सोमवार 16 अप्रैल को है सोमवती अमावस्या, जानिए इस दिन क्या करना शुभ होता है और क्या करना अशुभ
हिन्दू धर्म में कई प्राचीन मान्यताओं का पालन किया जाता है। आज भी कई लोग हैं जो इन प्राचीन मान्यताओं को मानते हैं, जबकि वहीँ कुछ लोग इसे फालतू भी कहते हैं। हिन्दू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। अमावस्या को पवित्र तिथि के तौर पर माना जाता है। इस दिन पितृओं की पूजा की जाती है, जिससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इससे पितृदोष और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। वैशाख महीने की अमावस्या सोमवार को पड़ रही है, इस वजह से यह सोमवती अमावस्या हो गयी है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें सोमवार के दिन अमावस्या का योग पूरे साल में केवल 2-3 बार ही बनता है। लेकिन देव नक्षत्र अश्विनी के साथ पवित्र वैशाख महीने में यह संयोग कभी-कभी ही बनता है। यही वजह है कि इस बार की सोमवती अमावस्या कई मायनों में खास है। इस बार की अमावस्या पितृदोष और कालसर्प दोष के निवारण के लिए खास हो गयी है। ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
जानकारी के आभाव में कुछ लोग ऐसे काम भी कर देते हैं जो अमावस्या के दिन करना वर्जित होता है। ऐसा करने की वजह से वे दोष के भागी बन जाते हैं। वहीँ कुछ ऐसे उपाय भी हैं जिन्हें अमावस्या के दिन करने से व्यक्ति के पाप ख़त्म हो जाते हैं और उसका जीवन खुशियों से भर जाता है। जानिए इस सोमवती अमावस्या के दिन पितृदोष और कालसर्प दोष का निवारण कैसे करें और साथ की इस अमावस्या पर क्या करना शुभ है और क्या करना अशुभ है।
सोमवती अमावस्या पर क्या करें:
*- सोमवती अमावस्या के दिन धान, पान, सिंदूर, सुपारी और हल्दी से पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है और उसकी परिक्रमा की जाती है। एक परिक्रमा करने के बाद इनमें से कोई एक चीज चढ़ा दें। ऐसा करने के बाद अपनी क्षमता के अनुसार किसी मंदिर के पुजारी या गरीब ब्राह्मण को फल, मिठाई, खाने की चीजें या सुहाग की सामग्री दान में दें।
*- अमावस्या के दिन सुबह जागकर स्नान करने के बाद भगवान शिव को जल चढ़ाएं। गरीबों को खानें की चीजें दान करें। पितृओं की पूजा करें और पितृओं की आत्मा की शांति के लिए किसी पुजारी या ब्राह्मण को भोजन करवाएं। इस दिन गाय, कुत्ते और कौवे को रोटी खिलाना भी शुभ होता है।
अमावस्या के दिन क्या ना करें:
*- अमावस्या के दिन मांस-मदिरा से दूर रहना चाहिए।
*- इस दिन शारीरिक सम्बन्ध बनाने से बचें।
*- अमावस्या के दिन किसी का झूठा भोजन नहीं करना चाहिए।
*- इस दिन बिना नहाये नहीं रहना चाहिए।
*- अमावस्या के दिन नाखून, बाल या दाढ़ी नहीं बनवाना चाहिए।
*- अमावस्या के दिन भूलकर भी दोपहर में नहीं सोना चाहिए।
*- अमावस्या के दिन लहसुन-प्याज जैसी राक्षसी चीजों को खाने से बचना चाहिए।
ऐसे करें पितृदोष और कालसर्प दोष का निवारण:
*- सोमवती अमावस्या के दिन सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में पीपल के पेड़ पर जल और कच्चा दूध चढाने से पितृदोष से शांति मिलती है।
*- सूर्योदय के समय सोमवती अमावस्या में दिन किसी नदी में कच्चे दूध में पानी मिलाकर बहायें, ऐसा करने से पितृदोष में शांति मिलेगी।
*- सोमवती अमावस्या के दिन चाँदी के नाग-नागिन बनवाकर उसकी पूजा करें। पूजा करने के बाद दोनों को शिवलिंग के पास रख दें या किसी नदी में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से कालसर्प दोष में शांति मिलती है।
*- किसी सफ़ेद कपडे में चावल, सफ़ेद मिठाई, चाँदी का एक सिक्का और एक नारियल रखकर बांध दें और फिर उसे अपने सर पर से सात बार वारकर किसी नदी में प्रवाहित कर दें। इससे भी कालसर्प दोष से शांति मिलती है।