चुनाव आयोग की अगर मिली मंजूरी तो इसी साल हो सकते हैं लोकसभा चुनाव
एक बार फिर से सुर्खियों में छाया हुआ है वन नेशन वन इलेक्शन। जी हां, एक बार फिर से इस पर चर्चा हो रही है। यह चर्चा पिछले साल से ही की जा रही है, ऐसे में अब इस चर्चे में आफिशियल मुहर लगने की भी बात होने लगी है। अभी तक तो सिर्फ बाते सिर के ऊपर से हो रही थी, लेकिन अब इसको लेकर सरकार पूरी तरह से गंभीर नजर आ रही है। मामले में विधि आयोग ने रिपोर्ट भी तैयार कर ली है, जिसपर सिर्फ चुनाव आयोग का मुहर लगना बाकि है, ऐसे में अगर ऐसा तो लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्यौहार इसी साल के आखिरी में देखने को मिल सकता है। आइय़े जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?
एक देश एक चुनाव की प्रक्रिया अब तेज हो चुकी है, ऐसे में एक बार फिर से इस पर सियासत होने वाली है। यूं तो ज्यादातर पार्टियां इसके पक्ष में दिख रही है, लेकिन अभी खेल बाकि है।.चुनाव आयोग इस मसले पर अपना रूख पहले ही साफ कर चुका है, ऐसे में देखने वाली बात होगी कि चुनाव आयोग इस सिफारिश को मंजूरी देता है या नहीं। दरअसल, केंद्र सरकार चुनाव आयोग से यह पूछेगी कि क्या लोकसभा चुनाव इसी साल कराया जा सकता है, अगर मंजूरी मिली तो एक विधेयक पास करना होगा, जिसको लेकर संसद आपातकालीन मीटिंग भी बुलानी पड़ सकती है।
बताते चलें कि विधि आयोग ने एक रिपोर्ट तैयार की है। जिसके मुताबिक वन नेशन वन इलेक्शन दो चरणों में होगा, जिसका पहला चरण इसी साल होगा तो वहीं दूसरा चरण 2024 में होगा। इसके मुताबिक, जिन राज्यों में अभी चुनाव होने वाले हैं, उनके साथ ही लोकसभा भी कराया जाएगा, तो वहीं जिन राज्यों में 2021 और 2022 में चुनाव है, उन राज्यों में 2024 में चुनाव होगा। हालांकि, इस कहानी में काफी ट्वीस्ट देखने को मिल सकते हैं, क्योंकि विपक्ष इसके लिए रूकावट बन सकता है।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग पहले ही कह चुका है कि एक देश एक चुनाव हो सकता है, लेकिन इसके लिए चुनाव संबंधी धाराओं में संशोधन करना होगा, अगर सरकार वो संशोधन करने में सफल रहती है, तो इसी साल लोकसभा का चुनाव हो सकता है, क्योंकि साल के आखिरी में एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव है, ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि क्या चुनाव आयोग केंद्र सरकार की इस सिफारिश को मंजूरी देता है या नहीं, इसके बाद केंद्र सरकार के पास दूसरी चुनौती यह होगी कि वो विपक्ष को इसके लिए तैयार करें।