अध्यात्म

जानिए आखिर क्यों पूजा करते समय स्त्री हो या पुरुष सभी ढंकते हैं अपना सर?

भारतीय संस्कृति खासतौर से हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व बताया गया है। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को ईश्वर का आशीष प्राप्त होता है और उसका जीवन सफल हो जाता है। इसके साथ ही व्यक्ति के सभी पापों का नाश भी हो जाता है और उसकी सभी इच्छाएं भी पूरी हो जाती हैं। पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को आत्मिक शांति की भी प्राप्ति होती है। यही वजह है कि हिन्दू धर्म को मानने वाला हर व्यक्ति देवी-देवताओं की पूजा करता है।

सभी लोग अपनी आस्था के अनुसार अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार 33 करोड़ देवी-देवता है, लेकिन इनमें से कुछ की ही पूजा की जाती है। पूजा करने से व्यक्ति को कई तरह के लाभ मिलते हैं। आपने अक्सर लोगों को मंदिर में या घर पर पूजा करते हुए देखा होगा। लोग पूजा के दौरान अपने सर को किसी कपड़े से ढँक लेते हैं। अगर पुरुष पूजा करता है तो वह अपना सर रुमाल से ढँक लेता है, जबकि महिलाएं पूजा के दौरान अपने साड़ी के पल्लू से या अपने दुपट्टे से अपना सर ढँक लेती हैं।

हालाँकि पूजा करते समय ज्यादातर स्त्रियों को ही सर ढंकते हुए देखा जाता है। इस परम्परा का पालन पुरुष बहुत कम करते हुए दिखाई देते हैं। आमतौर पर आपने देखा होगा कि किसी भी भारतीय महिला के सामने कोई बड़ा आ जाता है तो वह उन्हें सम्मान देने के लिए अपना सर ढँक लेती हैं। ठीक ऐसे ही भगवान के सामने सर ढंकना भी सम्मान का सूचक है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस परम्परा के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों कारण है। इसके बारे में उज्जैन के इन्द्रेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी और कथाकार पंडित सुनील नागर कहते हैं कि पूजा करते समय सर ढंकने से स्त्री हो या पुरुष दोनों को बहुत लाभ मिलता है।

सर ढंकने से मिलते हैं ये लाभ:

*- ऐसा कहा जाता है कि पूजा करते समय सर ढंकने से व्यक्ति के मन की एकाग्रता बनी रहती है। मान्यता के अनुसार खुले सर रहने से व्यक्ति के अन्दर क्रोध बढ़ता है। इससे सर दर्द और आँखों की कमजोरी हो सकती है। यही वजह है कि प्राचीन समय से सर ढंकने की परम्परा चली आ रही है। आज भी कई जगहों पर पुरुष हर समय अपने सर पर पगड़ी बांधते हैं तो वहीँ स्त्रियाँ अपने सर पर पल्लू लिए रहती हैं।

*- हवा में कई तरह के सूक्ष्म कीटाणु मौजूद होते हैं जो हमारे बालों में चिपक जाते हैं। ये कीटाणु हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होते हैं। इन कीटाणुओं की वजह से व्यक्ति को कई बिमारियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए सर ढंककर रहना फायदेमंद होता है।

*- सर पर हर समय पगड़ी या साफा रहने से व्यक्ति के कानों में हवा जल्दी नहीं घुस पाती है। जिससे कानों से जुडी परेशानियाँ नहीं होती हैं।

*- सर ढंकने से आप गंजेपन, रुसी और बाल झड़ने की समस्या से भी बच सकते हैं।

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