तमिलनाडु के जंगलों में छिपे इस कस्बे में इस तरह से रहते हैं लोग, जानकर उड़ जायेंगे आपके होश
चेन्नई: दुनिया में कई ऐसी जगहें हैं, जिसके बारे में आज ही बहुत कम लोग जानते हैं। जब लोग ऐसी जगहों के बारे में जानते हैं तो उनके होश ही उड़ जाते हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर यक़ीनन आपके होश उड़ जायेंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें यह जगह कहीं और नहीं बल्कि भारत के तमिलनाडु में ही स्थित है। आपको बता दें तमिलनाडु के जंगलों में एक ऐसी जगह भी मौजूद है जो दुनिया से पूरी तरह से कटा हुआ है।
यहाँ के लोग अलग ही तरह की जिंदगी जीते हैं। इन्हें दुनिया की किसी बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है। आपको जानकर काफी हैरानी होगी कि ऑरोविले नाम के इस टाउन में 43 देशों के लगभग 2200 लोग रहते हैं। हैरानी की बात यह है कि इस टाउन की व्यवस्था को देखने के लिए ना ही कोई पुलिस है ना ही मेयर है। इस टाउन में ज्यादातर टूरिस्ट और ट्रैवलर ही रहते हैं। जियो मैगजीन के प्रोजेक्ट पर गए जर्मनी के फोटोग्राफर डेविड क्लामर ने यहाँ के लोगों की जिंदगी को अपने फोटो के जरिये दिखाया है।
जानकारी के अनुसार जर्मन फोटोग्राफर डेविड क्लामर खुद इस टाउन में तीन बार जा चुके हैं। उनके अनुसार ऑरोविले का माहौल बहुत ही खास और एनर्जी से भरा हुआ है। यहाँ रहने वाले लोगों में 43 देशों के टूरिस्ट और ट्रैवलर मौजूद हैं। वो यहाँ इसलिए रहते हैं क्योंकि धरती पर इसके जैसी कोई और जगह नहीं है। क्लामर ने बताया कि यहाँ रहने वालों लोगों में एक कॉमन बात यह है कि यहाँ आने वाला कोई भी व्यक्ति अपनी पुरानी जॉब नहीं करता है। यहाँ अलग-अलग बैकग्राउंड के लोग रहते हैं, लेकिन यहाँ आने के बाद सभी ने अपना प्रोफेशन बदल लिया।
ऑरोविले में आकर रहने वाला डॉक्टर वेस्ट मैनेजमेंट और टाउन प्लानिंग का काम करता है। ऐसे ही अलग-अलग लोगों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गयी हैं। क्लामर के अनुसार इतने सालों में टाउन और भी ज्यादा सामान्य हो गया है। यहाँ अलग-अलग तरह के घर बने हुए हैं। जगह की कमी की वजह से अब यहाँ के लोग अपार्टमेंट और कॉम्प्लेक्स बनाकर रहने लगे हैं। यहाँ के लोग अपना समय योग में बिताते हैं। यहाँ रहने वाला हर व्यक्ति आपस में खुलकर बात करता है। क्लामर ने अपनी फोटो को गुड मॉर्निंग ऑरोविले नाम की एक बुक में कम्पाइल किया है। इसमें लोगों की कहानियां भी हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें स्पिरिचुअल लीडर मीरा अल्फस्सा ने ऑरोविले टाउन की 1968 में नींव रखी थी। उन्हें यहाँ के लोग द मदर के नाम से जानते हैं। ऑरोविले टाउन को मानवता के लिए शांति और विकास की जगह के रूप में शुरू किया गया था। मिशन स्टेटमेंट के अनुसार वो ऑरोविले टाउन को यूनिवर्सल टाउन बनाना चाहते हैं। जहाँ सभी देशों के लोग शांति और प्रगतिशील माहौल में रह सकें। ये सब राजनीति और राष्ट्रीयता से दूर हो। मीरा ने इस टाउन को दुनिया भर के 50 हजार लोगों के शहर के तौर पर तैयार किया। उनके दिमाग में इस टाउन का ख़याल 1930 में ही आया था।