9 साल के मासूम के दादा ने कहा इसी कुएं में है मेरा पोता, जब देखा गया तो इस हाल में….
जालंधर: जिंदगी और मौत का कोई भरोसा नहीं है। मौत के बारे में कहा जाता है कि यह किसी में फर्क नहीं करती है। बच्चा हो या बूढा दोनों ही मौत की नजर में एक समान होते हैं। शहीद भगत सिंह कॉलोनी में रहते पूर्व काउंसलर कस्तूरी लाल के 9 साल के पोते राहुल की लाश घर से लगभग 100 फीट मीटर दूर स्थित सीवेज में 20 फीट गहरे डिस्पोजल से मिली। जानकारी के अनुसार राहुल की सायकिल कुएं के पास खड़ी मिली थी। यह भी बताया जा रहा है कि सीवेज में 12 फीट पानी भी था।
पोस्टमोर्टम रिपोर्ट में यह बात साफ़ हो गयी है कि राहुल की मौत डूबने से ही हुई है। राहुल के शरीर से गन्दा पानी भी निकला है। उसके शरीर पर कोई चोट के निशान भी नहीं पाए गए। हालाँकि पुलिस अभी जांच कर रही है कि राहुल खुद ही हादसे का शिकार हुआ था या किसी ने उसे धक्का मारकर नीचेगिराया था। राहुल को आखिरी बार दोपहर 2:20 बजे सीसीटीवी में देखा गया था। तीन बजे उसकी दादी को उसकी सायकिल कुएं के पास मिली।
जानकारी के अनुसार काउंसलर का 9 साल का पोता दोपहर में 2 बजे ही घर आया था। बिना अपने कपड़े बदले ही वह अपनी सायकिल लेकर घुमने के लिए चला गया और फिर वापस नहीं आया। बाद में पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी। जब डॉक्टरों ने राहुल का पोस्टमोर्टम किया तो उन्हें उसके शरीर पर कोई भी इंजरी नहीं पायी गयी। राहुल को गायब हुए 23 घंटे बीत गए थे। उसके दादा इस बात से काफी परेशान थे और उन्होंने कहा पोता रेलवे लाइन तक जा नहीं सकता है, हो ना हो वह यहीं कहीं है।
उन्होंने कहा एक बार कुएं को चेक करवाओं। निगम की एक नहर के पास स्थित एक कुएं की जांच करवाई गयी लेकिन राहुल का कोई पता नहीं चला। राहुल के दादा शांत होकर सबकुछ देख रहे थे। जहाँ से राहुल की सायकिल मिली थी, उसी डिस्पोजल में दो कर्मचारी उतारे गए। दोनों ने जब तलाश शुरू की तो राहुल का हाथ टकराया और लाश बाहर आ गयी। 15 मिनट में लाश को रस्सी बांधकर ऊपर निकाला गया। निकालने के बाद उसे पोस्टमोर्टम के लिए भेज दिया गया। राहुल की दादी ने बताया कि बुधवार को दोपहर में वह अपने किचन में थीं। राहुल स्कूल से आते ही अपना बैग फेंककर सायकिल लेकर चला गया।
थोड़ी देर बाद जब वह स्कूल से वापस नहीं आया तो दादी ने उसकी सायकिल सबसे पहले कुएं के पास देखी। राहुल के पिता ने कहा कि राहुल स्कूल से आने के बाद पुरानी सायकिल चलाता था, लेकिन 15 मिनट में वापस लौट आता था। बाद में उसके दादा ने उसे नयी सायकिल दिलाई थी। उसने बुधवार तक नयी सायकिल चलाई। डिस्पोजल पर काम करने वाले कर्मचारी ने बताया कि वह हर रोज रात के 9 बजे तक वहां काम करता है, लेकिन किसी काम की वजह से वह बुधवार को दोपहर में कहीं चला गया था। राहुल के पिता का कहना है कि उनके बेटे की किसी साजिश के तहत हत्या हुई है, हालाँकि उन्होंने किसी पर शक नहीं जताया है।