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पीएम मोदी का सांसदो को आदेश, ‘अपने क्षेत्रोंं में रखे उपवास, जनता को दिखाये विपक्ष का रूप’
संसद की कार्यवाही ढंग से न चलने की वजह से बीजेपी कल यानि गुरूवार को राष्ट्रीय उपवास करेगी। जी हां, पीएम मोदी समेत सभी नेता उपवास रखेंगे। इससे पहले कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ राष्ट्रीय उपवास का आयोजन किया था। कांग्रेस का उपवास विवादों से घिर गया, जिसकी वजह से उपवास का रंग फीका पड़ गया। अब विपक्ष पर हल्ला बोलने के लिए राष्ट्रीय उपवास का आयोजन किया है। बता दें कि बीजेपी ने सांसदो को आदेश दिया है कि जनता के सामने विपक्ष का असली चेहरा दिखाएं। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?
संसद के बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था, जिसकी वजह से अब बीजेपी उपवास रखेगी। इसके साथ ही बीजेपी इस दौरान जनता को यह बताएगी कि कैसे विपक्ष ने संसद को चलने नहीं दिया, इससे जनता का काफी नुकसान हुआ है। बता दें कि इसकी कमान सीधे पीएम मोदी के हाथों में है। पीएम मोदी ने सांसदो को आदेश दिया है कि वो गुरूवार को राष्ट्रव्यापी उपवास करे, इसके लिए किसी को दिल्ली आने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सब अपने अपने क्षेत्र में जाकर उपवास करे, इसके साथ ही जनता के सामने विपक्ष का मुखौटा भी उतारें।
बताते चलें कि पीएम मोदी ने अंबेडकर जंयती को लेकर भी बड़ा प्लान बनाया है, जिसके तहत हर राज्य में अंबेडकर जंयती बड़े ही धूमधाम से मनाई जाएगी। बता दें कि पीएम मोदी ने बुधवार को अपने नेताओं से कहा कि अपने अपने क्षेत्र में अंबेडकर जंयती को बड़े ही धूमधाम से मनाएं। बीजेपी इस मास्टर कार्ड से दलितों के मन को छूना चाहती है। साथ ही दलित और गरीब विरोधी छवि भी मिटाने के फिराक में है, जिसके लिए पीएम मोदी ने बड़ा ही मास्टरप्लान बनाया है, इससे बीजेपी की नैया डूबने से बचाई जा सकती है।
कांग्रेस ने पीएम मोदी के इस उपवास को ढोंग बता दिया है। जी हां, कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने इसे बीजेपी की ढोंग बताते हुए कहा कि एक ऐसी पार्टी जिसके पास पूर्ण बहुमत की सरकार है, वो संसद नहीं चला पाई और इसका दोष वो विपक्ष को दे रही है, इससे बुरा उस पार्टी के लिए क्या हो सकता है? इतना ही नहीं कांग्रेस ने ट्विटर पर भी बीजेपी पर हल्ला बोल रही है, इस दौरान कांग्रेस पार्टी एक पोल भी चला रही है, जिसके सहारे इस उपहास में विघ्न डालने की कोशिश है। ऐसे में अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या बीजेपी का ये उपवास विवादों से अछूता रहेगा या फिर कांग्रेस की तरह ही विवादों में घिर जाएगा।